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 अल्मोड़ा

सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने आज धोखाधड़ी एवं गबन के आरोप में फंसी महिला आरोपी सरिता केसरवानी पुत्री कन्हैया लाल केसरवानी की जमानत अर्जी खारिज कर दी। आरोपी महिला पर निवेशकों का 40 लाख रुपये के गबन का आरोप है।   

लमगड़ा ब्लॉक के सत्यों निवासी भरत सतवाल पुत्र प्रेम सिंह सतवाल ने पांच जुलाई 2021 को थाना लमगड़ा तहरीर देकर कहा था कि दिसम्बर, 2016 में मल्टी सर्विसेज नामक कंपनी के पदाधिकारी अजय यादव, सरिता केसरवानी व अभिषेक यादव ने करबा लमगड़ा में कंपनी की शाखा संचालित की। जिसमें क्षेत्र के लोगों से आरडी, एफडी समेत अन्य स्कीमों में धनराशि जमा करवाई। इसके बाद अप्रैल 2021 के बाद से निवेशकों की धनराशि वापस देना बंद कर दिया तथा निवेशकों के करीब 40 लाख रुपये की धनराशि धोखाधड़ी से हड़प ली गई।

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तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी सरिता केसरवानी निवासी 166-14 शहपुर तिगरी, बसंत विहार मुरादाबाद के खिलाफमुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की। आरोपी महिला ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपनी जमानत के लिए प्रार्थना पत्र न्यायालय ने प्रस्तुत किया था। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने सरिता केसरवानी की जमानत का घोर विरोध किया और न्यायालय के समक्ष पूरा मामला रखा। न्यायालय ने पत्रावली का परिशीलन कर आरोपी महिला के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की और उसे खारिज कर दिया।

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