उत्तराखंड कैबिनेट में लिए बड़े फैसले -सायलेज पर अनुदान में बदलाव, नई सड़क परियोजनाओं को छूट, स्क्रैप नीति को बढ़ावा और अलग अभियोजन निदेशालय का गठन
देहरादून। राज्य कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में कई बड़े फैसलों पर मुहर लगाई गई। बढ़ती सायलेज मांग और अधिक पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सहकारिता एवं डेरी विकास विभाग की योजनाओं में सायलेज पर दिया जाने वाला अनुदान 75 प्रतिशत से घटाकर 60 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। प्रमुख सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना तथा डेरी विकास विभाग की सायलेज एवं दुधारू पशुपोषण योजना में यह नई अनुदान दर लागू होगी। सरकार का कहना है कि मांग के अनुरूप सायलेज की आपूर्ति बनाए रखने और अधिक किसानों तक लाभ पहुंचाने के लिए यह कदम जरूरी था।
रिस्पना–बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए जीएसटी व रॉयल्टी में छूट
देहरादून शहर में बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए प्रस्तावित रिस्पना और बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर (4 लेन) को लेकर कैबिनेट ने महत्वपूर्ण छूट प्रदान की है। एनएचएआई द्वारा निर्मित की जाने वाली इन परियोजनाओं में प्रयुक्त सामग्री पर देय रॉयल्टी तथा जीएसटी के व्यय भार को राज्य सरकार वहन करेगी। भूमि अधिग्रहण और यूटिलिटी शिफ्टिंग की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार उठाएगी, जबकि सिविल निर्माण पर पूरा खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
सेलाकुई स्थित सगंध पौधा केंद्र का नाम बदला
कैबिनेट ने सेलाकुई स्थित सगंध पौधा केंद्र (CAP) का नाम बदलकर परफ्यूमरी एवं सगंध अनुसंधान संस्थान (IPAR) करने की मंजूरी भी दी।
स्क्रैप नीति को बढ़ावा: नए वाहन के पंजीकरण पर 50% कर छूट
भारत सरकार की विशेष सहायता योजना 2025-26 के तहत बीएस-1 और बीएस-2 श्रेणी के परिवहन एवं गैर-परिवहन वाहनों को स्क्रैप करने पर, समान श्रेणी के नए वाहन के पंजीकरण के समय मोटर वाहन कर में 50 प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया गया है। इससे पुराने प्रदूषणकारी वाहनों को हटाने और नए वाहनों को प्रोत्साहन मिलेगा।
देहरादून में अलग अभियोजन निदेशालय की स्थापना
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के प्रावधानों के तहत राज्य में अलग अभियोजन निदेशालय स्थापित करने का महत्वपूर्ण फैसला कैबिनेट ने लिया है। यह निदेशालय लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक, सहायक लोक अभियोजक, अभियोजन निदेशक, उप निदेशक व सहायक निदेशक सहित सभी अभियोजन अधिकारियों के कार्यों की निगरानी और नियंत्रण करेगा। निदेशालय का प्रमुख अभियोजन निदेशक होगा, जो गृह विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करेगा। इससे अभियोजन प्रक्रिया अधिक प्रभावी, पारदर्शी और गतिशील होने की उम्मीद है।
GST संशोधन अध्यादेश को भी मंजूरी
कैबिनेट ने वित्त विभाग के अंतर्गत प्रस्तुत माल एवं सेवा कर (GST) संशोधन अध्यादेश को भी प्रख्यापित करने की अनुमति दी है, जिससे राज्य की कर व्यवस्था में आवश्यक संशोधन लागू होंगे।
कैबिनेट के ये सभी निर्णय शासन, कृषि-पशुपालन, न्याय व्यवस्था और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
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