पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक से तैयारी में जुटे प्रत्याशियों को झटका -व्हाट्सएप व फेसबुक आदि सोशल मीडिया माध्यमों से किया जाने लगा था प्रचार

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उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राज्यभर में चल रही तैयारियों को नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश ने बड़ा झटका दे दिया है। हाईकोर्ट ने आरक्षण रोटेशन प्रणाली में पारदर्शिता की कमी और पूर्व दिशा-निर्देशों की अनदेखी को लेकर पंचायत चुनावों पर फिलहाल रोक लगा दी है। इस आदेश के बाद चुनाव प्रक्रिया पर अनिश्चितता का माहौल बन गया है और नामांकन प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही निर्वाचन प्रक्रिया ठप हो गई है।

हाईकोर्ट का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनावों की अधिसूचना पहले ही जारी कर दी थी और 25 जून से नामांकन प्रक्रिया शुरू होनी थी। इसके साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता भी प्रभावी हो गई थी। मगर अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद न केवल चुनावी प्रक्रिया पर रोक लग गई है, बल्कि इससे चुनाव की तैयारी कर रहे हजारों संभावित प्रत्याशियों की उम्मीदों को भी गहरा झटका लगा है।

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चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे सैकड़ों संभावित उम्मीदवारों को इस फैसले से गहरा धक्का लगा है। कई लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए प्रचार शुरू कर दिया था। कई जगह पर बैठकें और स्थानीय लोगों से संपर्क अभियान भी शुरू हो चुके थे। व्हाट्सएप व फेसबुक जैसे सोशल मीडिया माध्यमों से अपने पक्ष में माहौल तैयार किया जा रहा था। अब पंचायत चुनावों की आगे की प्रक्रिया हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी। फिलहाल हाईकोर्ट में मामला खंडपीठ के समक्ष विचाराधीन है।

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