प्रमाण पत्रों में शपथ पत्र लगाना करें बंद, जिलाधिकारी को दिया शिकायती पत्र
सीएससी सेंटरों,अफसरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग
शपथ पत्र से गरीबों को हो रहा है नुकसान
नियम विरुद्ध शपथ पत्र लगाने से नाराज है पंचायत प्रतिनिधि
पिथौरागढ़।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज जिलाधिकारी रीना जोशी को सोमवार को शिकायती पत्र देकर सीमांत की चार तहसीलों में प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर जबरन शपथ पत्र बनाने के लिए दबाव डालने पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अब किसी भी प्रमाण पत्र पर शपथ पत्र लगाने की आवश्यकता नहीं है। जबरन शपथ पत्र लगाने से पंचायत प्रतिनिधि बेहद नाराज है।
उन्होंने कहा कि उसके बावजूद भी अपने हितलाभ को देखते हुए इस व्यवस्था को जारी रखा जा रहा है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने जिलाधिकारी को भेजे शिकायती पत्र में बताया कि तहसील तेजम, मुनस्यारी,बंगापानी तथा धारचूला में जाति, चरित्र,स्थाई, आय प्रमाण पत्र सहित अन्य प्रमाण पत्रों को बनाने के लिए शपथ पत्र की मांग की जाती है।
आलम यह है कि आय प्रमाण पत्र सहित अन्य प्रमाण पत्रों में भी शपथ पत्र की मांग की जा रही है। जिससे आम जनता दुखी है। आम जनता की जेब काटी जारी है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल में कहीं पर भी नोटरी एडवोकेट या अन्य शपथ अधिवक्ताओं द्वारा निर्मित शपथ पत्र लगाने की कोई व्यवस्था नहीं है। जाति प्रमाण पत्र सहित कुछ प्रमाण पत्रों को बनाने के लिए केवल स्व: घोषणा का शपथ पत्र लगाए जाने की व्यवस्था है।
इसका लाभ उठाते हुए कुछ तहसीलों में जबरन शपथ पत्र लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एक शपथ पत्र बनाने में आम जनता को रकम चुकानी पड़ रही है। जबकि हर प्रमाण पर राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट लगाई जाती है। इसके आधार पर ही प्रमाण पत्र को स्वीकार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नियम विरुद्ध शपथ पत्र लगाने की परंपरा को बंद करने के लिए जिलाधिकारी से जिले के तहसीलों के लिए एक आदेश पत्र जारी किए जाने की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार के नियम के विरुद्ध शपथ पत्र लगाना भी कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है।
उन्होंने कहा कि इस अपराध को करने वाले अधिकारियों तथा सीएससी सेंटरों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। उन्होने कहा कि इस नियम विरुद्ध कार्य को करने में भूमिका निभाने वाले सीएससी सेंटरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर एक सप्ताह के भीतर शपथ पत्र लगाने की प्रथा को बंद नहीं किया गया तो वह राज्य के मुख्य सचिव से दोषी अधिकारियों तथा सीएससी सेंटरों के खिलाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग का पत्र भी भेजेंगे। उन्होंने इसके लिए सीएससी सेंटरों पर तत्काल प्रभाव से अंकुश लगाए जाने की भी मांग की।
उन्होंने कहा कि इसी के साथ अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन भी किया जाएगा।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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