पीड़ित व्यक्तियों की सुरक्षा करना पुलिस का महत्वपूर्ण दायित्व: गोरखा

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एस आर चंद्रा

भिकियासैंण। निर्बल, निःसहाय, गरीब एवं पीड़ित व्यक्तियों की सुरक्षा करना पुलिस का महत्वपूर्ण दायित्व है। यह बात अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष पी0सी0 गोरखा ने बुद्धवार को विकास भवन सभागार रूद्रपुर में एससी, एसटी एक्ट में दर्ज मुकदमों की समीक्षा करते हुए कही। श्री गोरखा ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि ’’दोषी व्यक्ति दोषसिद्ध हो तथा बेगुनाह कभी न फंसे’’ इस वाक्य को मूलमंत्र मानकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि पूर्व काबीना मंत्री यशपाल आर्य पर हमले का प्रकरण आयोग में पंजीकृत हुआ है। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि संविधान से कोई भी बड़ा नहीं है, लिहाजा मामले की पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता से जॉच की जाये।

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उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि एससी,एसटी एक्ट के अन्तर्गत दर्ज मुकदमों में दूध का दूध-पानी का पानी होना चाहिए। उन्होने कहा कोई भी शिकायत कर्ता अपनी प्राथमिकी दर्ज करता है, तो उसमे बिलकुल भी हिलावली, देर सबेर न हो, पहले पीडि। त की प्राथमिकी दर्ज हो जाय, फिर निष्पक्ष जांच हो। एसपी ममता वोहरा ने बताया जनपद में अनुसूचित जाति के अत्याचार, उत्पीडन के 20 मामलों में 26 लाख 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है तथा 12 लाख 50 हजार आर्थिक सहायता के 08 मामले गतिमान है।

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