इंजीनियरिंग कॉलेज से संचालित 90 करोड़ का साइबर घोटाला उजागर, 7 आरोपी गिरफ्तार

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नई दिल्ली। पुडुचेरी साइबर अपराध पुलिस ने एक बड़े साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जो कथित तौर पर एक इंजीनियरिंग कॉलेज के अंदर से संचालित हो रहा था। जांच एजेंसियों ने इसे साइबर अपराध का हब करार दिया है। जांच में सामने आया है कि ₹90 करोड़ के इस घोटाले में इंजीनियरिंग छात्र अपने दोस्तों और सहपाठियों के बैंक खाते साइबर अपराधियों को बेचते थे।

जांच अधिकारियों के अनुसार, अपराधी भारत में प्राप्त धनराशि को वैध दिखाने के बाद दुबई भेजते थे और वहां से चीन स्थित नेटवर्क के जरिए उसे क्रिप्टोकरेंसी में बदल देते थे।

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दो छात्रों की शिकायत से खुला पूरा रैकेट

मामला तब उजागर हुआ जब इंजीनियरिंग के दो छात्र दिनेश और जयप्रताप अपने बैंक खाते फ्रीज होने के बाद पुलिस के पास पहुंचे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने खातों की जानकारी अपने सहपाठी हरीश के साथ साझा की थी।

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पुलिस जांच में पता चला कि इन खातों का इस्तेमाल ‘डंकी अकाउंट’ के रूप में किया जा रहा था, जिनमें घोटाले की रकम जमा होकर आगे ट्रांसफर होती थी। अब तक की जांच में ऐसे खातों से कम से कम ₹7 करोड़ निकाले जाने की पुष्टि हुई है।

सात आरोपी गिरफ्तार, बड़ी मात्रा में सामान बरामद

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पुलिस ने चार इंजीनियर स्नातकों सहित कुल सात लोगों —
थॉमस उर्फ हयग्रीव, हरीश, गणेशन, गोविंदराज, यशविन, राहुल और अय्यप्पन — को गिरफ्तार किया है।

छापेमारी में बरामद:

₹5 लाख नकद

171 चेकबुक

75 एटीएम कार्ड

20 मोबाइल फोन

लैपटॉप व कंप्यूटर

कई बैंक पासबुक व क्रेडिट कार्ड

हुंडई वरना कार

पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है और अन्य लोगों की भूमिका खंगाली जा रही है।

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