बेहतर काम न करने वाले कर्मचारी जबरन होंगे रिटायर : धन सिंह

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देहरादून। रजिस्ट्रार कॉपरेटिव मुख्यालय में शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने सहकारी बैंकों के कर्मचारियों के मूल्यांकन के निर्देश दिए। साफ किया कि बेहतर काम न करने वाले कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया जाए। बैंकों के एनपीए को हर हाल में पांच प्रतिशत से कम पर लाया जाए। सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि जिन जिलों में सहकारी बैंक कर्मचारियों का कार्य प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है, उनका मूल्यांकन किया जाए।

जबरन सेवानिवृत्ति जैसे विकल्पों पर भी विचार किया जाए। बैठक में जिलावार जिला सहकारी बैंकों के ग्रॉस एनपीए की समीक्षा करते हुए हर हाल में एनपीए को पांच प्रतिशत से कम किए जाने को समयबद्ध रणनीति बनाने को कहा। बहुउद्देशीय समितियों के गठन, बिजनेस प्लान, ऑडिट और पैक्स कम्प्यूटरीकरण को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए। कहा कि अन्य राज्यों गुजरात, केरल, कर्नाटक के सफल सहकारिता मॉडल को उत्तराखंड में अपनाया जाए। कहा कि बहुउद्देशीय प्राथमिक सहकारी समितियां सहकारिता विभाग की आत्मा हैं। इन समितियों में योग्य प्रशिक्षित सचिवों की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जाए।

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वीर माधौ सिंह भंडारी सामूहिक खेती की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए संबंधित नोडल अधिकारियों को कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में सचिव सहकारिता डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम, निबंधक सहकारिता डॉ मेहरबान बिष्ट, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ल, मंगला त्रिपाठी, रमिन्द्री मंदरवाल, राजेश चौहान, मोनिका चुनेरा आदि मौजूद रहे। हर जिले की खुद समीक्षा करेंगे मंत्री सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि वे अब स्वयं हर जिले में डीएम, सीडीओ, सचिव सहकारिता और निबंधक की उपस्थिति में जिलेवार समीक्षा बैठकें करेंगे। इसकी शुरुआत हरिद्वार से होगी।

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कहा कि ठेली-खोमचे व्यवसायियों को जोड़ कर नए खाता खुलवाए जाएं। इन्हें प्रतिदिन के अनुसार व्यापार के लिए पैसा दिया जाए। ताकि इनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो और बैंकों को भी व्यवसायिक लाभ हो। 17 हजार स्कूलों के खाते जिला सहकारी बैंकों में खुलवाने को प्रधानाचार्यों और शिक्षा अधिकारियों से समन्वय किया जाए। प्रदेश के 25000 टीबी मरीजों को गोद लेकर उनके बैंक खाते खोले जाएं। तीन लाख डिग्री कॉलेज छात्रों को भी सहकारिता बैंकिंग से जोड़ा जाए।

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