अनुमति समाप्त होने के बाद भी चल रहा था सर्प संग्रहण अथवा विष संग्रहण केन्द्र -छापेमारी के दौरान उक्त केन्द्र में 70 कोबरा तथा 16 रसल वाईपर पाये गये

हरिद्वार। मुखबिर खास द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम खंजरपुर तहसील-रुड़की, जिला हरिद्वार में किसी व्यक्ति द्वारा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (यथासंशोधित 2022) के अन्तर्गत प्रतिबन्धित सांप अपने कब्जे में रखे गये हैं। सूचना प्राप्त होने पर वन विभाग की टीम द्वारा मौके पर छापेमारी की गई। घटना स्थल पर पहुंचकर ज्ञात हुआ कि उक्त स्थल पर एक सर्प विष संग्रहण केन्द्र की स्थापना की गई है। मौके पर उक्त संग्रहण केन्द्र के स्वामी नितिन कुमार के प्रतिनिधि विष्णु की उपस्थिति में छापेमारी की कार्यवाही की गई।
उक्त विष संग्रहण केन्द्र हेतु आवेदक नितिन कुमार को पूर्व में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड, देहरादून के कार्यालय पत्रांक 1437/37-1, दिनांक 31 दिसम्बर 2022 द्वारा प्राणरक्षक औषधियों के विनिर्माण के लिये सर्प विष संग्रहण केन्द्र, ग्राम बिशनपुर ज्वालापुर, जिला हरिद्वार में स्थापना हेतु में एक वर्ष की सशर्त अनुमति दी गई थी, जो दिसम्बर 2023 में समाप्त हो चुकी थी। वर्तमान में उक्त व्यक्ति के पास सर्प संग्रहण अथवा विष संग्रहण केन्द्र की कोई वैध अनुमति नहीं है। छापेमारी के दौरान उक्त केन्द्र में 70 कोबरा तथा 16 रसल वाईपर पाये गये, जो कि भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (यथासंशोधित 2022) की अनुसूची-1 के अन्तर्गत संरक्षित प्रजाति घोषित है। वन विभाग की टीम द्वारा उपरोक्त सर्पों को जब्त किया गया है एवं भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (यथासंशोधित 2022) की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही की जा रही है।
उपरोक्त कार्यवाही में हरिद्वार वन प्रभाग से सुनील बलूनी, उप प्रभागीय वनाधिकारी रुड़की, विनय राठी, वन क्षेत्राधिकारी रुड़की, सुरक्षा बल रुड़की एवं राजाजी टाइगर रिजर्व से अजय लिंगवाल, उप निदेशक / वन्यजीव प्रतिपालक के साथ पीपुल फॉर एनिमल्स संस्था के प्रतिनिधि तथा अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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