रामगंगा नदी के अस्तित्व को बचाने को लेकर मुहिम हुई तेज
एस आर चंद्रा
भिकियासैण (अल्मोडा़) रामगंगा नदी के अस्तित्व , जंगलों को आग से बचाने सहित पर्यावरणीय संकट को लेकर हिमग्रीन फाउंडेशन व सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े युवाओं ने रामगंगा तट पर चर्चा परिचर्चा के साथ जागरुकता रैली निकाली।
तीन चरणों में हुए कार्यक्रम के पहले चरण में रामगंगा आरती घाट पर प्लास्टिक उन्मूलन, सफाई अभियान चलाया गया दूसरे चरण में मुख्य बाजार में जन जागरूकता रैली व तीसरे चरण में रामगंगा तट पर चर्चा- परिचर्चा हुई, कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त चीफ कंजरवेटर वन विभाग सुरेश चन्द्र पन्त ने की। मुख्य वक्ता मैती आंदोलन के प्रणेता पद्मश्री कल्याण रावत रहे।मुख्य वक्ता पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कल्याण सिंह रावत ने कहां जलवायु परिवर्तन के संकेत से पूरे विश्व पर खतरा मडरा रहा है, लगातार घटते जलस्तर जंगलों में लग रही आग को मुख्य कारण बताया कहा जब जंगल बचेंगे तभी पानी, हवा, भोजन मिलेगा उन्होंने चीड को पर्वतीय क्षेत्र के लिए नुकसानदायक वृक्ष बताया साथ ही स्कूली बच्चों से मैती आंदोलन की तर्ज पर एक पेड़ लगाने की अपील की चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज पूरा विश्व पर्यावरण संकट से जूझ रहा है।
सरल शब्दों में कहा भूकंप के दृष्टिकोण से हिमालय क्षेत्र 5 डिग्री पर है, भूकंप के झटके मौसम का मिजाज सभी मानव मूल्यों के लिए नुकसानदायक हैं, वनों को सुरक्षित रखने के साथ ही लगातार घट रहे जल स्तर पर चिंता जताई। चीड़ वृक्ष के पिरुल पर पर काम कर रही पिरुल मंजू साह ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि टीम के साथ कार्य कर रही हूंँ। पूरे प्रदेश मैं पिरुल से स्थानीय ग्रामीणों को जोड़ने के साथ रोजगार की व्यवस्था का सार्थक परिणाम निकल रहा है, साथ ही चीडों के जंगलों को नष्ट करने की व्यवस्था चल रही, शिप्रा कल्याण समिति भवाली के अध्यक्ष जगदीश नेगी ने प्लास्टिक उन्मूलन की जानकारी दी। इससे पूर्व विभिन्न विद्यालय के बच्चों ने जागरूकता रैली निकाली कार्यक्रम का संचालन दिगंबर नेगी व गोपाल मासीवाल ने किया।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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