किसान बुरी तरह महंगाई से त्रस्त और परेशान : डॉ उपाध्याय

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किच्छा। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ० गणेश उपाध्याय ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में उन्होने देश के प्रधानमंत्री मोदी जी के बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है जिसमें मोदी जी ने कहा है कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के अंतर्गत इस बात की गारंटी है कि हर किसान को विभिन्न माध्यमों से 50,000 रुपए मिल रहे हैं। उन्होने कहा है कि प्रधानमंत्री किसानों को गुमराह कर रहे हैं तथा अनर्गल झूठ का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। विगत 5 साल में महंगाई में 40 % बढ़ चुकी है, डीजल के दामों में 25रु० की वर्तमान में बढ़ोत्तरी हो चुकी है। किसानों को खेती के लिए बीज , खाद, दवाई, बुवाई, जुताई, कटाई, मजदूरी के दामों में भारी बढ़ौत्तरी हो चुकी है। किसान बुरी तरह इस महंगाई से त्रस्त और परेशान हैं। साल भर में गन्ना बुवाई पर कुल लगभग 1 लाख रु० प्रति एकड़ का खर्च आता है। फसल बेचने के बाद किसान को उसकी व्यक्तिगत मेहनत का मोल भी नहीं मिल पाता। यही हाल अन्य सभी फसलों का है। जिससे किसान खेती से दूरी बना रहा है। वहीं ”ऊंट के मुंह में जीरा” कहावत के अनुसार किसान सम्मान निधि के नाम पर भाजपा सरकार किसानों के सम्मान की सरे बाजार नीलामी कर रही है। प्रति एकड़ फसल बुबाई की लागत में मंहगाई से लगभग 7 हजार रुपये की वृद्धि से सरकार लगभग 25 हजार रु० द्विचक्रीय फसली वर्ष के अनुसार प्रत्येक किसान से कमा रही है। तथा किसान सम्मान निधि के रुप में मात्र छह हजार रु० किसानों को देने के बाद भी 19 हजार रु० किसानों से कमा ले रही है। सरकार बढ़ती मंहगाई के दौर में आय दो गुनी करने का ढ़िढ़ोरा पीटने का ढ़ोंग रच रही है।

जबकि आमदमी आधी हो चुकी है। यह सरकार किसानों की मित्र नहीं बल्कि शत्रु है। सरकारी नीतियों की वजह से खेती की लागत में लगातार वृद्धि हो रही है। खेती के लिए जरूरी हर चीज महंगी होती जा रही है। खराब मौसम से कभी सूखा कभी बारिश तो कभी पाला तो कभी ओलावृष्टि की मार झेलने के बावजूद भी किसान कभी हार नहीं मानता है। खेती में जितनी लागत लगती है उससे कई गुना ज्यादा नुकसान हो जाता है। परन्तु मोदी कहते हैं कि वह प्रत्येक किसान को 50 हजार रुपये सालाना दे रहे हैं। सरकार द्वारा किसानों की फसल खरीदने पर बकाये का 4-4 माह तक भुगतान ना करने और किसान को साहुकार से ब्याज पर रकम लेकर खेती करने से इससे ज्यादा ब्याज किसानों को चुकाना पड़ रहा है। इस झूठ और पाखण्ड की तानाशाही सरकार ने किसानों के साथ जो छल किया है, वह किसान अच्छी तरह समझ रहा है, जल्द ही किसान भाजपा सरकार को इसके लिए आगामी चुनावों में सबक सिखायेगा।

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