सड़कों पर नग बेचने से लेकर लड़कियों के धर्मांतरण करने तक… छांगुर बाबा निकला 100 करोड़ का मालिक, अब ईडी ने कसा शिकंजा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश का रहने वाला जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा अब जांच एजेंसियों के निशाने पर है। कुछ साल पहले तक सड़कों पर अंगूठी और नग बेचने वाला यह शख्स अब 100 करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक बताया जा रहा है। यूपी एटीएस की जांच में इस बाबा की संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा हुआ है, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी गई है।


एटीएस ने छांगुर बाबा को अवैध धर्मांतरण नेटवर्क संचालित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि पिछले 5-6 वर्षों में उसने न सिर्फ आलीशान कोठियां और लग्जरी गाड़ियां खरीदीं, बल्कि कई फर्जी संस्थाएं भी खड़ी कर लीं। बलरामपुर जिले के मधपुर गांव में बनी उसकी कोठी इस नेटवर्क का मुख्य अड्डा थी। यहीं से पूरा धर्मांतरण नेटवर्क संचालित होता था।

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यूपी एटीएस और एसटीएफ की टीमें इस नेटवर्क से जुड़े 14 प्रमुख सहयोगियों की तलाश में जुटी हैं। इनमें कथित पत्रकार पैमैन रिजवी, महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर और सगीर जैसे नाम शामिल हैं। इनकी गिरफ्तारी से पूरे नेटवर्क की जड़ें और गहराई से उजागर हो सकती हैं। कई सहयोगी आजमगढ़, औरैया और सिद्धार्थनगर जिलों से हैं, जिनके खिलाफ पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं।

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छांगुर बाबा ने मधपुर स्थित अपनी कोठी के परिसर में डिग्री कॉलेज खोलने की भी योजना बना रखी थी और इसके लिए भवन निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया था। लेकिन उसकी गिरफ्तारी के बाद यह योजना ठप पड़ गई है। प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमिताभ यश ने बताया कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने अब तक 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की है। बलरामपुर में उसने कई संपत्तियां भी खरीदी हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि उसके खातों और उससे जुड़ी संस्थाओं में 100 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ है।

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अब तक इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एसटीएफ का कहना है कि इस नेटवर्क की पहुंच देश के कई राज्यों में फैली हुई है। जांच एजेंसियों को शक है कि इस नेटवर्क को खाड़ी देशों से विदेशी फंडिंग मिल रही थी, जिसकी पड़ताल की जा रही है।

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