सरकार दृढ़ इच्छा शक्ति से जांच के आदेश करें उद्यान में हो रहे सभी घोटाले सामने आ जायेंगे : दीपक करगेती
एस आर चंद्रा
भिकियासैण। सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने अपने प्रैस न्यूज में जारी कर कहा है कि,जिस भ्रष्टाचारी निदेशक को यह ज्ञात ना हो कि कीवी या अन्य पौधों की दरों का निर्धारण कैसे किया जाता है, उसे उत्तराखंड में उद्यान निदेशक जैसे पद पर बैठाया जाना उत्तराखंड की जनता व उद्यानिकी से जुड़े काश्तकारों के साथ धोखा है।
कृषि विभाग की पढ़ाई करने वाले छात्रों को स्नातक डिग्री से ही फसलों की उत्पादन लागत पढ़ाई जाती है। कीवी की पौध तैयार किए जाने हेतु भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है । करगेती ने कहा कि संदेह तो यह है कि निदेशक द्वारा बनाई गई समिति के द्वारा किस आधार पर दर निर्धारण 6 माह के भीतर दो बार किया गया, और दरों को पूर्व से 7 गुना अधिक बढ़ाकर बाहर से ख़रीद की गई। हमने इसकी जांच हेतु सरकार में शपथ पत्र जमा करवा दिए हैं। सरकार जांच के आदेश करें सभी कारनामों में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा ।यदि निदेशक के पास कीवी की प्रति पौध उत्पादन लागत उपलब्ध हो तो उत्तराखंड की जनता और सरकार दोनो को बताएं।निदेशक का कहना है कि विभाग द्वारा इंपैनल्ड कंपनियों से पौधे खरीदने को किसान स्वतंत्र हैं, तो इस संबंध में बताना चाहूंगा कि फल पौध किसी कंपनी या संस्थान में ना ही मिलते हैं और ना ही बनते हैं, बल्कि प्रत्येक प्रदेश की फल पौध अधिनियम के अंतर्गत रजिस्टर्ड नर्सरी से उत्पादन के आधार पर तैयार किए जाते हैं, प्रत्येक प्रदेश अपने-अपने राज्यों के कृषकों हेतु फल उत्पादन की लागत के आधार पर दर निर्धारण करते हुए कृषकों को पौंध उपलब्ध कराती है।
सरकारी दरों पर ही पौधे खरीदने का प्रावधान भी है ना कि इंपैनल्ड संस्थाओं से। करगेती ने कहा कि सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाते हुए जांच के आदेश देने चाहिए सब कुछ खुलकर सामने आ जाएगा। भ्रष्टाचार केवल पौधों की खरीद में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय सेमिनार ,बीज की खरीद और उद्यान के कण कण में व्याप्त है।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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