नन्ही परी हत्याकांड: आरोपी की पैरवी करने वाली वकील को धमकियों पर हाईकोर्ट सख्त

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नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नन्ही परी हत्याकांड में आरोपी की सुप्रीम कोर्ट से पैरवी कर रिहाई दिलवाने वाली अधिवक्ता को सोशल मीडिया पर मिल रही धमकियों को गंभीरता से लिया है। मंगलवार को हाईकोर्ट के कई अधिवक्ताओं ने इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष शिकायत दर्ज कराई।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले का संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नैनीताल को संबंधित अधिवक्ता और उनके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने साइबर क्राइम के आईजी को भी निर्देशित किया है कि वे सोशल मीडिया से भड़काऊ पोस्ट हटवाएं और ऐसा न करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करें।

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खंडपीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अधिवक्ता केवल अपना पेशेवर कर्तव्य निभा रहे हैं। यदि किसी को आपत्ति है तो उसे जांच अधिकारी के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए, न कि अधिवक्ता के विरुद्ध अभियान चलाना चाहिए। कोर्ट ने धमकियां देने और सोशल मीडिया पर अधिवक्ता के खिलाफ अभियान चलाने वालों के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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गौरतलब है कि करीब दस वर्ष पूर्व नैनीताल के काठगोदाम क्षेत्र में एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपी अख्तर को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। आरोपी की रिहाई के बाद विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और अधिवक्ता को सोशल मीडिया के माध्यम से धमकियां मिल रही हैं।

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