साइबर ठगी के मामले में दो अपराधियों को 5 वर्ष के कठोर कारावास व 75 हजार जुर्माना
रुद्रपुर। 19 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में दो अपराधियों को 5 वर्ष के कठोर कारावस व 75 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गयी है। मिली जानकारी के अनुसार थाना मुखानी जनपद नैनीताल में वर्ष 2022 में एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के साथ फेसबुक पर दोस्ती कर उपहार तथा नकदी भेजने के नाम पर कस्टम शुल्क आदि के नाम पर लगभग 19 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल ने दो आरोपियों को 05-05 वर्ष के कठोर कारावस व 75,000-75,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है। एसटीएफ के मुखिया ने बताया है कि थाना मुखानी में अभियोग पंजीकृत होने के बाद उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार यह विवेचना ललित मोहन जोशी प्रभारी निरीक्षक, साइबर थाना कुमाऊं परिक्षेत्र रुद्रपुर के सुपुर्द की गई थी। पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुये घटना से सम्बन्धित फेसबुक आईडी व फर्जी आईडी में आवंटित मोबाइल नम्बरों तथा लाभार्थी बैंक खातों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुये बैंक खाते व मोबाइल नम्बरों के तकनीकी विश्लेषण हेतु टेलीकॉम कम्पनियों से प्राप्त विवरण का गहनता से विश्लेषण के पश्चात पुलिस टीम दिल्ली, एनसीआर, उ.प्र में साक्ष्य संकलन की कार्यवाही करते हुए दिनांक 02-03-2022 को घटना में संलिप्त 02 आरोपियों सूरज कुमार तमांग पुत्र चंद्रवीर तमांग निवासी पंचपाड़ा रोड़ पोस्ट ऑफिस बदरताला थाना मटियाब्रुज जिला 24 परगना, पंश्चिम बंगाल हाल निवासी किरायेदार फ्लैट नम्बर 353 फस्ट फ्लोर सूर्या रेजिडेन्सी मुनिरिका विलेज थाना किशनगढ़ जिला साउथ वेस्ट दिल्ली उम्र 48 वर्ष एंव विक्रम लिम्बू पुत्र मोहन लिम्बू निवासी गुरुंग बस्ती नियर अरुण फोटो स्टूडियो जिला दार्जिलिंग प. बंगाल हाल निवासी उपरोक्त उम्र 20 वर्ष को मुनिरिका विलेज थाना किशनगढ़, जिला दक्षिण-पश्चिम दिल्ली से गिरफ्तार कर उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड तथा बड़ी मात्रा में बैंक पासबुक व चैकबुक बरामद की गयी। विवेचक/ प्रभारी निरीक्षक ललित मोहन जोशी द्वारा गिरफ्तार दोनो अभियुक्तों के विरुद्ध विवेचना करते हुये प्रभावी साक्ष्य संकलन कार्यवाही की गयी तथा अभियुक्तो द्वारा जिन खातों में वादी से धोखाधड़ी की धनराशि जमा करायी गयी थी उन बैंक खातो तथा घटना में प्रयुक्त मोबाईल फोन तथा सिम नम्बरों के अभियुक्तो से लिंकेज करने हेतु तकनीकी आधार पर साक्ष्य संकलन की कार्यवाही करते हुये आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रेषित किया गया।विचारण के दौरान कोर्ट पेरोकार मुख्य आरक्षी ललित द्वारा माननीय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल में प्रभावी पैरवी की गयी।
न्यायालय में अभियोग के विचारण में मुख्य गवाह उ0नि0 दिनेश कुमार पन्त, आरक्षी मुहम्मद उस्मान साईबर थाना द्वारा प्रभावी तरीके से अभियुक्तों के विरूद्ध महत्वपूर्ण गवाही दी गयी। विवेचक द्वारा विवेचना के दौरान एकत्रित किये गये तकनीकी साक्ष्यों, तथ्यों व गवाहों के आधार पर माननीय न्यायालय में विचारण के दौरान अभियुक्तगणों द्वारा लगाये गये जमानत प्रार्थना पत्रों को माननीय न्यायालय द्वारा खारिज किया गया तथा अभियुक्तों को माननीय न्यायालय द्वारा धारा 420,120बी भादवि में 05-05 वर्ष के कठोर कारावास तथा 50 हजार रुपये जुर्माने तथा जुर्माना अदा न करने पर 01 वर्ष का अतिरिक्त कारावास तथा धारा 66डी आई0टी0 एक्ट में 03-03 वर्ष का कठोर कारावास तथा 25-25 हजार रुपये के अर्थदण्ड व अर्थदण्ड जमा न करने की दशा में 06-06 माह का अतिरिक्त कारावस के दण्ड से दण्डित किया गया।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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