जागेश्वर धाम में मिला शिवलिंग, मानसखंड कॉरिडोर का चल  रहा था निर्माण, अनुष्ठान कर मंदिर में करेंगे स्थापित 

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नैनी/जागेश्वर। मानस खंड कॉरिडोर के तहत जागेश्वर धाम में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान खुदाई करते समय जमीन से शिवलिंग और शक्ति निकल आई। इस बात के की जानकारी मिलते ही परिसर में भक्तों की भीड़ जुटने लगी, कुछ देर में मंदिर में पहुंचे भक्तों के अलावा आसपास के गांव से भी लोग मंदिर पहुंचने लगे । उन्होंने खुदाई में मिले शिवलिंग और शक्ति की पूजा  भी की। निर्माणदाई  संस्था ने फिलहाल वहां पर काम रोक दिया है। इन दोनों जागेश्वर धाम में मानस खंड कॉरिडोर के तहत मंदिर परिसर में लाइट लगाने का काम चल रहा है। बुधवार को श्रमिक जागनाथ मंदिर के पीछे लाइट लगाने के लिए   पोल की खुदाई कर रहे थे, करीब डेढ़ फीट बाद ही जमीन के अदंर शिवलिंग की आकृति दिखाई दी।

जानकारों का कहना है कि मंदिर के निर्माण के समय अथवा बाद में कभी सुधारीकरण के दौरान शिवलिंग और शक्ति भूलवश जमीन में दबा गए होंगे।। एएसआई के मुताबिक शिवलिंग 14वीं शताब्दी के हैं,  जागेश्वर से डेढ़ किमी दूर कोटेश्वर में कोटलिंग नामक स्थान पर पूर्व में भी खुदाई के दौरान कई शिवलिंग मिल चुके हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम भी कोटलिंग का सर्वे कर चुकी है। स्थानीय लोगों के अनुसार धाम में खुदाई के दौरान 10 साल पूर्व भगवान विष्णु की मूर्ति भी मिल चुकी है। एएसआई ने इसे सुरक्षित तरीके से सहेजा है। मनोज कुमार सक्सेना अधीक्षण पुरातत्वविद, केंद्रीय पुरातत्व विभाग, उत्तराखंड  ने कहा कि जागेश्वर धाम में इलुमिनेशन के कार्य के दौरान हुई खुदाई में दो शिवलिंग मिले हैं, इन्हें सुरक्षित रखा जाएगा। पहले भी खुदाई के दौरान कई मूर्तियां मिली हैं। शिवलिंग 14 वीं शताब्दी के हो सकते हैं।

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