बिच्छू घास की उपयोगिता के बारे में दी जानकारी-

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शिवेंद्र गोस्वामी

अल्मोड़ा 23 मई : पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाने वारी बिच्छू घास को आजीविका का आधार बनाया जाएगा। अल्मोड़ा की ग्रीन हिल्स संस्था जहां जंगली पौधे बिच्छू घास की आजीविका संवर्धन क्षमता पर शोध कर रही है। वहीं ग्रामीणों को इस घास की उपयोगिता की जानकारी भी दी जा रही है।

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सोमवार को लमगड़ा ब्लॉक के कुमालसों गांव में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए ग्रीन हिल्स संस्था की सचिव व इस शोध की संयोजक डा. वसुधा पंत ने बताया कि संस्था नेशनल मिशन ऑन हिमालयन स्टडीज के अंतर्गत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना के पोषण से परिपूर्ण बिच्छू घास द्वारा प्रोडक्ट डेवलपमेंट पर कार्य किया जा रहा है। जबकि हैदराबाद स्थित नेशनल कोमोडिटीस मैनेजमेंट सर्विसेज और जीबी पंत कृषि विवि पंतनगर भी इस प्रोजेक्ट के पार्टनर हैं। पंत ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का महत्वपूर्ण उद्देश्य गांवों में जाकर बिच्छू घास की उपयोगिता को बताना और इससे निर्मित होने वाले उत्पादों की जानकारी देकर लोगों को इससे स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है। इस गोष्ठी में लमगड़ा के 46 लोगों ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर ग्राम प्रधान महेश राम, भूपेंद्र वाल्दिया, दीपक जोशी, पुष्प वाल्दिया आदि अनेक लोग मौजूद रहे।

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