कोर्ट ने दिए संगठन के चुनाव पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश-

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नैनीताल। उच्च न्यायालय के आदेश की गलत व्याख्या कर गुट विशेष के चंद पदाधिकारियों द्वारा आनन-फानन में 28 नवंबर रविवार के दिन चुनाव कराए जा रहे हैं। संगठन के चुनाव पर उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने के आदेश पारित कर दिए हैं।


सुरेश चंद्र उप्रेती बनाम अन्य में पारित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की एकल पीठ ने अपने आदेश में कल कराई जा रही निर्वाचन प्रक्रिया को पंजीकृत संविधान के विरुद्ध पाते हुए रोक लगा दी। उल्लेखनीय है की उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के वर्ष 2018 की निर्वाचन प्रक्रिया को न्यायालय में चुनौती दी गई थी।

जिसके क्रम में रजिस्टार फार्म एवं सोसाइटी ने निदेशक प्राथमिक शिक्षा को संगठन के नवीन चुनाव पंजीकृत बाइलॉज के अनुसार कराए जाने हेतु निर्देशित किया था। किंतु कुछ शिक्षक पदाधिकारियों द्वारा वर्तमान नवीन निर्वाचन को भी वर्ष 2018 की पुरानी सूची से कराए जाने का आनन-फानन में निर्णय लिया था। 28नवंबर को जनपद अल्मोड़ा के रानीखेत में चुनाव कराने की पूरी तैयारी कर ली थी, परंतु इससे शिक्षक संगठन के कई जनपदों एवं विकास खंडों के पदाधिकारी एवं सदस्य शिक्षक नाराज थे। उनका कहना था कि इस पुरानी सूची के आधार पर चुनाव कराए जाने से वर्तमान में संगठन की सदस्यता आधारित करे हुए 9000 शिक्षक साथी निर्वाचन प्रक्रिया म प्रतिभाग करने से वंचित हो जाएंगे। प्रकरण पर न्यायालय द्वारा सुनवाई की अगली तिथि सात दिसंबर निर्धारित की गई है।

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