एलआईसी कर्मचारी संगठनों की मांग:- निजी क्षेत्रों में महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार दिए जाएं-

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देहरादून। एलआईसी कर्मचारी संगठन ने निजी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि निजी क्षेत्रों में महिलाओं को वो अधिकार नहीं मिलते हैं, जो सार्वजनिक क्षेत्र में दिए जाते हैं। संगठनों का पांच दिवसीय अधिवेशन रविवार को एलआईसी के मंडल कार्यालय में संपन्न हुआ। इस दौरान मुख्य वक्ता नॉर्थ सेंट्रल जोन इंश्योरेंस एंपलाइज फेडरेशन की क्षेत्रीय संयोजिका गीता शांत ने संगठित और असंगठित क्षेत्र में महिला कामगारों के मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर में महिलाओं को पुरुषों के समान सभी अधिकार प्राप्त हैं, लेकिन निजी क्षेत्र में महिला कामगारों की स्थिति दोयम दर्जे की है। निजी क्षेत्र का एकमात्र मकसद मुनाफा कमाना है।

संगठन के वरिष्ठ नेता सीपी नैथानी ने कोरोना काल को देखते हुए भविष्य की चुनौतियों के प्रति आगाह किया। देहरादून डिवीजन इंश्योरेंस एंप्लाइज यूनियन के महासचिव नंदलाल शर्मा ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान बेहतर काम कर रहे हैं, बावजूद इसके उन्हें निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। मौके पर गीता जोशी, मंजूषा मतिमान, बीना पांथरी, शशि, तुलसी, नीता बिष्ट, सुमन डंडरियाल, कृष्णा टिक्क, जमुना पयाल, मीनाक्षी गोयल, नीरजा वालिया, निर्मल कैंतुरा, मदन सिंह पंवार, आशीष राठौर, गिरिवर सिंह, किशन सिंह, अरुण कैंथोला, तन्मय ममगाईं, मनोहर सिंह, भारती सूद आदि मौजूद थे।

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