देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड अब मेडिकल एजुकेशन का हब बनकर उभर रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाए। स्वास्थ्य सचिव डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि शीघ्र ही रुद्रपुर और पिथौरागढ़ में भी मेडिकल कॉलेज शुरू होंगे।
राज्य गठन के समय उत्तराखंड में एक भी सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं था, लेकिन अब पांच सरकारी और चार निजी कॉलेज चिकित्सा शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं।
सरकारी कॉलेज: श्रीनगर, हल्द्वानी, देहरादून, अल्मोड़ा, हरिद्वार
निजी कॉलेज: हिमालयन, गुरु राम राय, ग्राफिक एरा, गौतम बुद्ध
कुल 1325 एमबीबीएस सीटें और 238 पीजी सीटें उपलब्ध
🔹 मुख्यमंत्री धामी की पहल
मुख्यमंत्री धामी की दूरदर्शी नीति से न केवल मेडिकल कॉलेजों का जाल बिछा है बल्कि नर्सिंग, पैरामेडिकल और टेक्निकल स्टाफ की भी बड़े पैमाने पर भर्ती हुई है।
हाल में 1,232 नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित
पिछले तीन वर्षों में 173 सहायक प्रोफेसर और 56 वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य नियुक्त
कुल मिलाकर 22,000 से अधिक सरकारी नौकरियां सृजित
🔹 नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा में वृद्धि
12 सरकारी और 80 से अधिक निजी नर्सिंग संस्थान
4,700 बीएससी नर्सिंग, 463 एमएससी नर्सिंग सीटें
पैरामेडिकल कोर्सों में 12,000 से अधिक सीटें
🔹 स्वास्थ्य सेवाएं पहुँची दुर्गम इलाकों तक
राज्य में हेली-एंबुलेंस सेवा जैसी योजनाओं से दूरस्थ क्षेत्रों में भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं। रुद्रपुर और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं।
“हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड में हर जिले में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध हो। अब हमारे युवाओं को डॉक्टर बनने के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। हम उत्तराखंड को न केवल आत्मनिर्भर बल्कि उत्तर भारत का अग्रणी चिकित्सा शिक्षा केंद्र बनाना चाहते हैं।”