दुष्कर्म व धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के मामले में आरोपी को नहीं मिली जमानत
अल्मोड़ा। विशेष सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर शुक्ला के न्यायालय ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के आरोपी की जमानत खारिज अर्जी खारिज हो गई है। आरोपी मो. चांद पुत्र मो. शरीफ निवासी कचहरी लाइन रानीखेत जिला अल्मोड़ा का रहने वाला है। उसके खिलाफ धारा-366 376 506 तावहि० व 3ध्5 उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत मामला दर्ज है। पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर अदालत के आदेश पर जेल भेजा है।
अभियुक्त ने अधिवक्ता के माध्यम से अपनी जमानत के लिए अदालत में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने अभियुक्त की जमानत दिए जाने का घोर विरोध किया। उन्होंने न्यायालय को यह बताया कि वादी मुकदमा द्वाराहाट तहसील क्षेत्र निवासी ने कोतवाली रानीखेत में अपनी पत्नी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस उपनिरीक्षक सुनील सिंह बिष्ट ने नरसिंह ग्राउंड रानीखेत से अभियुक्त मो चांद की बाइक पर गुमशुदा महिला को बुरका पहने पकड़ा। पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने आरोपी पर उसे नैनीताल ले जाने व शारीरिक शोषण करने, धर्म परिवर्तन करने के लिए उकसाने के साथ जाने से मारने की धमकी दिये जाने के आरोप लगाए। गुमशुदा के बयानों के आधार पर आपराधिक प्रकरण का मामला पाये जाने पर पुलिस ने थाना रानीखेत में अभियोग पंजीकृत किया गया। विवेचना के दौरान पीड़िता ने धारा 161 व 164 में अपने बयान दिए। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने आरोपी मो. चाँद की जमानत का विरोध किया। कहा कि अभियुक्त को जमानत मिलने पर उसके गवाहों को डरा धमकाकर व साक्ष्य में छेड़छाड़ किए जाने की पूर्ण संभावना है। जमानत दिए जाने पर अभियुक्त के फरार हो जाने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। न्यायालय ने पत्रावली का परिशीलन कर अभियुक्त के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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