23 सालों में भी नहीं बन पाया सपनों का उत्तराखंड : नेगी

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अल्मोड़ा। उतराखड राज्य से पलायन की रफ्तार दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। उत्तराखंड प्रथक राज्य बनने के बाद कुमाऊं व गढ़वाल के लोगों ने उत्तराखंड में रोजगार व उतराखड के विकास के लिए आशा लगाई थी। उत्तराखंड प्रथक राज्य के आंदोलनकारी व शहीदों का क्या यही सपना था हमारे उत्तराखंड में युवा पीढी के लिए ?


उत्तराखंड राज्य बने 23वां साल चल रहा है।सरकार आई और गई उतराखड का बिकास तो क्या हुआ उतराखड में बेरोज़गारी का बिस्तार हुआ। पर्वतीय क्षेत्रों दुर्गम स्थानों से पढ़े लिखे युवक बेरोजगारी के कारण दिन पर दिन उतराखड राज्य से पलायन करने में लगे हैं। पचास प्रतिशत लोग अपनी आजिविका व रोजगार के चक्कर में उत्तराखंड से पलायन हो चुके हैं। उत्तराखंड राज्य के तेरह जिलों में से सबसे पलायन करने वाला पौड़ी जिला व अल्मोड़ा जिले का स्थान है।

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प्रताप सिंह नेगी समाजिक कार्यकर्ता ने उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य सुविधाएं व बदहाल शिक्षा होने के कारण से उत्तराखंड का पलायन बढ़ रहा है। नेगी ने बताया उतराखड के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य व शिक्षा के लिए करोड़ों की लागत से शासन प्रशासन ने भवन तो बनाएं है, लेकिन इन भवनों में न उच्च विशेषज्ञ डाक्टर और शिक्षा प्रशिक्षण के योग्य टीचर हैं, ऐसे में पलायन नहीं होना तो क्या होगा।

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