22 सितंबर को जंगल में मिट्टी लेने गई गीता की मौत का खुलासा, भाई ही निकला हत्यारा, दोगुने उम्र के युवक के साथ प्रेम संबंध बनाने की भनक पर की हत्या
हल्द्वानी। दोगुने उम्र के युवक के साथ प्रेम संबंध बनाना एक युवती को भारी पड़ गया। इसकी भनक लगने पर भाई ने सगी बहन को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने हत्या की घटना में शामिल सह अरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि 22 सितंबर को शेर सिंह पुत्र धरम सिंह निवासी ग्राम कोटली, थाना खनस्यूं ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया था कि 17 सितंबर को उसकी पुत्री गीता (17) घर के पास ही जंगल में मिट्टी लेने गई थी, जिसके बाद वह घर वापस नहीं लौटी है। तहरीर के आधार पर थाना खनस्यूं में धारा 365 आईपीसी के तहत अज्ञात के खिलाफ मामला पंजीकृत किया गया।
जिसकी विवेचना उप निरीक्षक विजयपाल को सौंपी गई। विवेचना के दौरान 26 सितंबर को सूचना प्राप्त हुई कि ग्रामवासियों को गुमशुदा गीता की तलाश के दौरान गीता का शव ग्राम कोटली में बांज के पेड़ों के नीचे मिला है। सूचना पर एसएसपी सहित थानाध्यक्ष खनस्यूं व फॉरेंसिक टीम फोर्स के साथ घटनास्थल पहुंची। एसएसपी के निर्देशन में फॉरेंसिक टीम व पुलिस टीम ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया व आवश्यक कार्यवाही की। घटना के अनावरण को प्रहलाद नारायण मीणा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसपी क्राइम यातायात डॉ. जगदीश चंद्र के दिशा निर्देशन व नितिन लोहनी क्षेत्राधिकारी भवाली के पर्यवेक्षण में तीन अलग-अलग टीमें गठित की गई।
पंचायतनामा की कार्यवाही के उपरांत पुलिस टीम ने घटनास्थल के आस-पास सर्च अभियान चलाया। गुमशुदा का शव संदिग्ध अवस्था में बरामद होने व वादी के बयानों के आधार पर विवेचक ने धारा 365 आईपीसी को धारा 302/201 आईपीसी में बदलाव किया। अभियोग की विवेचना थानाध्यक्ष खनस्यूं भुवन सिंह राणा को सौंपी गई। बताया कि गुमशुदा गीता का उसी गांव के रहने वाले 35 वर्षीय युवक त्रिलोक सिंह पुत्र चंदन सिंह निवासी कोटली, खनस्यूं का मृतका गीता के साथ संबन्ध थे, जिन्हे त्रिलोक की पत्नी ने मृतका गीता व अपने पति त्रिलोक को एक साथ में बैठे हुए देख लिया था। जिसके उपरान्त त्रिलोक की पत्नी, मृतका गीता व गीता की मां के मध्य बहस हुई। इस घटना से गीता का छोटा भाई काफी आवेशित हुआ और जब गीता घर नहीं आयी तो उसे ढूंढने के दौरान पहाड़ों की पगडंगी के किनारे अपनी बहन गीता के मिलने पर उसके भाई ने गीता के डुपट्टे से ही गला घोटकर उसकी हत्या कर दी और शव को वही झाडिय़ों में छुपा दिया।
अगले दिन त्रिलोक सिंह पर दबाव बनाया कि यदि मृतका गीता का शव घटनास्थल से कही और छुपाने में उसने साथ नहीं दिया तो वह उसे भी गीता की हत्या की साजिश में फंसा देगा। इसके बाद दोनों ने मिलकर मृतका गीता के शव को घटनास्थल के पास ही बांज के पेड़ों के पास छुपा दिया। एसएसपी ने गहनता से पूछताछ की व एक्स्ट्रा ज्यूडिशियरी एविडेंस के आधार पर दो अक्टूबर को उक्त अभियोग में गीता की हत्या करने में विधि विरुद्ध बालक उम्र 16 वर्ष (मृतका का भाई) एवं मृतका गीता के शव को छिपाने में सहायता करने में सह आरोपी त्रिलोक सिंह कोटलिया 35 पुत्र चंदन सिंह को हिरासत में ले लिया। मामले में सम्मिलित मृतका का भाई विधि विरुद्ध बालक को जेजे एक्ट के प्रविधानों के अनुसार उसके पिता/संरक्षक शेर सिंह को नियमानुसार रखा गया। जिन्हें सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया जा रहा है। संपूर्ण घटनाक्रम का अनावरण आज एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने घटना का खुलासा किया।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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