पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले आरोपी को राजस्थान से दबोचा — 18.80 लाख रुपये की ठगी का था मामला

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देघाट क्षेत्र में एक बुजुर्ग को दस दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले साइबर अपराधी को थाना देघाट और एसओजी की संयुक्त टीम ने राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने खुद को क्राइम ब्रांच अधिकारी बताकर पीड़ित को झांसे में लिया था।

मामला 5 सितंबर का है, जब देघाट निवासी गोपाल दत्त ने थाने में तहरीर दी कि एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को क्राइम ब्रांच अधिकारी बताकर उन्हें बैंक धोखाधड़ी में संलिप्त होने का भय दिखाया और दस दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर 18 लाख 80 हजार रुपये ठग लिए। शिकायत के आधार पर थाना देघाट में मुकदमा संख्या 18/2025 धारा 61(2)/308(5)/318(4) भारतीय न्याय संहिता में दर्ज किया गया।

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घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की। अपर पुलिस अधीक्षक हरबन्स सिंह और क्षेत्राधिकारी रानीखेत विमल प्रसाद के पर्यवेक्षण में निरीक्षक भुवन जोशी (प्रभारी एसओजी) तथा थानाध्यक्ष देघाट अजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में पुलिस व एसओजी की संयुक्त टीम ने साइबर सेल प्रभारी राहुल राठी के साथ मिलकर ठगों के नेटवर्क का पता लगाया।

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लगातार निगरानी और तकनीकी जांच के बाद टीम ने 14 अक्तूबर 2025 को आरोपी को राजस्थान के सूरतगढ़ से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी की पहचान साहिल कुमार (24 वर्ष) पुत्र कृष्ण कुमार, निवासी वार्ड संख्या 14, शिवबाड़ी रोड, सूरतगढ़, जिला श्रीगंगानगर (राजस्थान) के रूप में हुई है।

गिरफ्तारी में उपनिरीक्षक गंगा राम गोला (थाना देघाट), हेड कांस्टेबल अवधेश कुमार (एसओजी अल्मोड़ा), कांस्टेबल सुरेन्द्र सिंह (थाना देघाट) और सर्विलांस टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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एसएसपी देवेन्द्र पींचा ने कहा कि इस तरह के साइबर अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आमजन से अपील की कि ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती। यदि कोई व्यक्ति इस तरह का भय दिखाए या धन मांगे तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।

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