पति-पत्नी के विवाह विच्छेद के दौरान संरक्षक और प्रतिपाल्य अधिनियम 1890 में संसोधन करने की आवश्यकता : हाईकोर्ट -सरकार को 6 मार्च तक स्थिति से स्पष्ट करने के निर्देश

खबर शेयर करें

नैनीताल। हाई कोर्ट ने पति-पत्नी के विवाह विच्छेद के दौरान बच्चों की परवरिश पर पडऩे वाले प्रभाव के सम्बंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने केंद्र सरकार से 6 मार्च तक स्थिति से स्पष्ट करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार अधिवक्ता श्रुति जोशी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पति पत्नी के तलाक का सबसे बुरा प्रभाव उनके बच्चों की परवरिश, शिक्षा, रहन सहन व आदि पर पड़ता है, जो प्यार बच्चों को पति पत्नी के एक साथ रहकर मिल सकता है वह विवाह विच्छेद के दौरान नहीं मिलता। जिसकी वजह से बच्चे आगे नहीं बढ़ पाते हैं। उनकी परवरिश ठीक से नहीं हो पाती। इस सम्बंध में केंद्र सरकार के विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विवाह विच्छेद के दौरान बच्चों की परवरिश करने की जिम्मेदारी पति-पत्नी दोनों की होनी चाहिए।

इसलिए संरक्षक और प्रतिपाल्य अधिनियम 1890 में संसोधन करने की आवश्यकता है। यह बिल अभी केंद्र सरकार में लंबित है। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि जब तक यह बिल पास नहीं हो जाता तब तक न्यायलय बच्चों की परवरिश के लिए दिशा निर्देश जारी करें।   बाक्स वक्फ बोर्ड में न्यायिक सदस्य के रिक्त पद को लेकर हुई सुनवाई नैनीताल। हाई कोर्ट ने उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के गढ़वाल क्षेत्र के न्यायिक सदस्य के पद पर नदीम जैदी पारित प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक विभाग, एल फनाई के 22 दिसंबर 2023 के आदेश को निरस्त कर दिया है।  हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने वक्फ बोर्ड में न्यायिक सदस्य के रिक्त चल रहे पद पर पूर्व सदस्य नदीम जैदी को इस वजह से दो वर्ष का सेवा विस्तार नहीं दिया था कि उनकी 2020 में तीन वर्ष की नियुक्ति के विरुद्ध कुछ शिकायतें प्राप्त थी। नदीम जैदी को जून 2020 में नियुक्ति भी प्रमुख सचिव एल फनाई द्वारा जारी की गई थी जो अब उनकी प्रथम नियुक्ति के संदर्भ में प्राप्त शिकायतों के आधार पर उन्हें सेवा विस्तार मना कर रहे थे। हाईकोर्ट ने फनई का आदेश निरस्त करते हुए स्पष्ट किया की शासन को नदीम जैदी को एक व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर देते हुए सभी शिकायत पत्र सौंपने होंगे, उसके बाद ही वह वक्फ बोर्ड में न्यायिक सदस्य के रिक्त चल रहे पद पर नियुक्ति संबंधी कोई आदेश पारित कर सकती है।  

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
फ़ास्ट न्यूज़ 👉  सीएचसी हल्दूचौड़ में चिकित्सा स्टाफ की नियुक्ति के संबंध में हाईकोर्ट ने सरकार से दो सप्ताह में मांगा जबाब
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 फ़ास्ट न्यूज़ के WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ास्ट न्यूज़ के फ़ेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 कृपया नवीनतम समाचारों से अवगत कराएं WhatsApp 9412034119