राम सेवक सभा नैनीताल ने रामलीला के अलावा अन्य आयोजन करवाने भी किये शुरू

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नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल में श्री राम सेवक सभा ही ज़्यादातर धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाती है। एक दौर था जब श्री राम सेवक सभा केवल रामलीला मंचन के लिए ही जानी जाती थी, लेकिन समय के साथ साथ उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के लिए श्री राम सेवक सभा ने रामलीला के अलावा अन्य आयोजन करवाने भी शुरू कर दिए।

श्री राम सेवक सभा का इतिहास आजादी से भी कई वर्ष पुराना है।श्री राम सेवक सभा की भूली बिसरी यादों को आइये आज याद करते है और श्री राम सेवक सभा का स्वर्णिम इतिहास अगर आपको पसंद आये तो शेयर अवश्य कीजियेगा ताकि नैनीताल की नई पीढ़ी श्री राम सेवक सभा को करीब से जान सके।

श्री राम सेवक सभा की स्थापना आजादी से पूर्व साल 1918 में हुई थी। सर्वसम्मति से स्व. दुर्गालाल साह को एक वर्ष के लिए सभापति निर्वाचित किया गया,स्व.लालचन्द्र साह को उप सभापति, स्व बाबूतुलाराम मंत्री,स्व पं देवी दत्त वकील सहायक मंत्री और स्व चेतराम साह जी को कोषाध्यक्ष चुना गया। स्व चेतराम साह जी वही थे जिनके नाम से आज नैनीताल का CRST (चेतराम साह ठुलगरिया) इंटर कॉलेज चलता है।

1918 में प्रबंध कार्यकारिणी सभा के सदस्य स्व लाला रामकिशन साह,स्व लाला गंगाधर, स्व दुर्गालाल साह,स्व लाला चेती साह,खजांची,स्व लाला शिवलाल साह आढ़ती,स्व जईदत्त तिवारी,स्व लाला इंद्र लाल साह वकील, स्व जई लाल साह तोला, स्व लाला नत्थामल, स्व लाला मोती साह,स्व लाला नाथ साह तोला,स्व पं प्रेम बल्लभ भट्ट,स्व लाला इंद्र रामकिशोर साह,स्व लाला इंद्र लाल साह थे।

वही श्री राम सेवक सभा की प्रथम कार्यकारिणी के संरक्षक महाराज भगवती प्रसाद सिंह बहादुर केसीएसआई बलरामपुर, राजा उदयराज सिंह काशीपुर,देवी लाल साह साहेब रईस,राजा साहब अवागढ़,उदेनाथ साह साहेब रईस,पँ मथुरा दत्त पांडे वकील,और लाला जई लाल साह वकील थे।
16 अक्टूबर 1918 को सभा के निमित्त कुछ नियम बनाये गए और प्रतिदिन बाजार से चंदा उघाने का निर्णय लिया गया। 

तब बहुत सस्ती दरों पर समान उपलब्ध हो जाता था। एक कुप्पी तेल एक पैसा में मिलता था,चार भेली गुड़ भी एक पैसा में। नियम के तहत सभी सभासदों से कम से कम एक रुपया वार्षिक लिया जाना तय किया गया। 27 अक्टूबर 1918 को निर्णय लिया गया कि वैश्य सभा द्वारा एकत्रित धन और जनसेवक समिति का शेष चंदा सभा मे सम्मलित किया जाना चाहिए। अक्टूबर निकल गया फिर नवंबर और दिसंबर भी जाते गए, इस दौरान कुछ नए सदस्यों को सभा मे शामिल किया गया जिनमे स्व लाला नन्दन लाल साह( स्व.गंगा प्रसाद साह जी की पिता),स्व लाला हीरा लाल साह, स्व लाल मोती साह, स्व लाला कुंदन लाल शामिल थे।

1 दिसम्बर 1918 को जब दूसरी बैठक हरिभवन में लाला चेतराम साह की अध्यक्षता में आहूत की गई थी तब चंदा उघाई का पूरा विवरण स्व नन्दन लाल साह ने पेश किया।1 दिसंबर 1918 में पहला कोष 18 रुपये 6 आने 3 पैसे इक्कठा हुए,जनवरी 1919 कोष में 13 रुपये 14 आने 2 पैसे ,फरवरी 1919 कोष में 11 रुपये 2 आने,मार्च 1919 में 20 रुपये 2 आने 1 पैसा इकट्ठा हुआ औ कुल योग 63 रुपए 10 आने 2 पैसे बने और यही से श्री राम सेवक सभा का कोष आरंभ हुआ। साल 1925 से कुमाऊं में नंदा देवी महोत्सव का आयोजन शुरू हुआ,1926 में श्री राम सेवक सभा द्वारा भी इस आयोजन में प्रमुखता से भाग लिया गया। तब से लेकर आज तक नंदा देवी महोत्सव श्री राम सेवक सभा द्वारा धूमधाम से मनाया जाता आ रहा है।

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आईए अब जानते है श्री राम सेवक सभा का स्टेज कैसे बना?

मल्लीताल बड़ा बाजार में जहाँ आज श्री राम सेवक सभा स्थित है वहाँ कभी आलू का पड़ाव हुआ करता था,जिसे आलू का फड़ भी कहते थे। इस जगह पर श्री राम सेवक सभा द्वारा रामलीला करवाने के लिए तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर एवं चेयरमैन जीएल विवियन आईसीएस से अनुरोध किया था। इस बाबत स्व चेतराम साह ठुलगरिया ने 11 अगस्त 1928 में जीएल विवियन को एक पत्र लिखा था। ये पत्र आप भी पढ़े।

इस पत्र के बाद ही स्वीकृत मानचित्र के साथ श्री राम सेवक सभा का रामलीला स्टेज प्राप्त हुआ।

1943 में श्री राम सेवक सभा की रजत जयंती मनाई गई। इस वर्ष रावण का ठेका मात्र 80 रूपये में किया गया था। 

1968 में श्री राम सेवक सभा की स्वर्ण जयंती मनाई गई। तब अध्यक्ष चन्द्र लाल साह शारदा संघ वाले थे। और उपाध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद साह जी थे। स्वर्ण जयंती में नैनीताल के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए। 

1993 में श्री राम सेवक सभा की डाइमंड जुबली यानी हीरक जयंती मनाई गई। इस वर्ष सभा के अध्यक्ष अशोक साह जी थे,और उपाध्यक्ष इंद्र लाल साह।इसी वर्ष प्रबंधक के तौर पर मुकेश जोशी शामिल हुए,जो पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं। इसी वर्ष देवेंद्र लाल साह सचिव,अखिलेश भट्ट उप मंत्री थे।

वही 1993 में सभा की डाइमंड जुबली पर गंगा प्रसाद साह,हीरा लाल साह,विमल चौधरी,राजेंद्र लाल साह,गणेश लाल साह,हरीश पाठक,विनोद साह,शैलेंद्र साह,गिरीश पंत,नरसिंह बिष्ट,भगवान दास,मुकुल साह,पूरन लाल साह, मुकुल जोशी,श्रीमती सरस्वती साह,नन्द लाल साह सदस्य के तौर पर शामिल थे। इनके अलावा जगदीश बवाड़ी ,भूपाल सिंह ,लक्ष्मण सिंह कैलाश बिष्ट,प्रदीप साह भय्यू,जीवन लाल साह,अनूप शाही,राजीव मेहरोत्रा,रमेश चंद्र साह,दीपक साह,मिथिलेश पांडे, कैलाश जाटव,कैलाश बिष्ट,कमलेश ढूँढियाल, गणेश कांडपाल, दीपक गुरुरानी,अनिल गुरुरानी,अजय बिष्ट,ललित तिवारी,भीम सिंह कार्की,गिरीश चन्द्र जोशी,संतोष साह जगाती, मोहित सनवाल,राजेन्द्र दुसाद, मोहन बट्ट,सहित कई लोग सभा को सहयोग करते रहे। बाद में इनमें से भी कुछ सभा के सदस्य बने और पदाधिकारी भी बने। कुछ ऐसे भी लोग थे जो सभा के सदस्य न होते हुए भी सभा को तन्मयता के साथ सहयोग करते थे। 

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सभी के सहयोग से श्री राम सेवक सभा के प्रांगण में हर वर्ष शारदीय नवरात्रि में रामलीला का मंचन किया जाता रहा। नैनीताल में वैसे तो कई जगह रामलीला मंचन होता है लेकिन मल्लीताल की श्री राम सेवक सभा की रामलीला सबसे अनूठी होती है। इसी रामलीला के श्री राम,लक्ष्मण, वानर सेना और रावण सेना के मध्य युद्ध को दशहरे के दिन डीएसए मैदान में तमाम अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों सहित आम जनता के सामने प्रस्तुत किया जाता है। आपको ये भी बता दे कि पिछले 29 सालों से कैलाश जोशी ही रामलीला में रावण का किरदार निभाते आ रहे है। उनकी फैन फॉलोइंग भी किसी अभिनेता से कम नही है।श्री राम सेवक सभा द्वारा आयोजित रामलीला में मुस्लिम भाई बन्धु भी किरदार निभाते है जिनमे अनवर रजा,नासिर अली,जावेद अपने किरदारों में पूरी तरह रम जाते है। वही प्रसिद्ध रंगकर्मी जहूर आलम श्री राम सेवक सभा के प्रांगण में आयोजित होने वाली प्रतिवर्ष की बैठकी होली में अपना विशेष योगदान देते है। 

स्व गंगा प्रसाद साह जी के जीवित रहते ही श्री राम सेवक सभा द्वारा न केवल रामलीला का मंचन बल्कि कई अन्य धार्मिक और कुमाऊं की संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे थे।

कुमाऊं की संस्कृति को बचाने के लिए यहां कुमाऊंनी रामलीला का मंचन प्रतियोगिता के रूप में किया जाने लगा. इसके बाद यहां सामूहिक जनेऊ के कार्यक्रम भी होने लगे. साथ ही खड़ी होली-बैठकी होली का आयोजन किया जाता है,इसके अलावा सालभर यहां अलग-अलग त्योहारों पर कार्यक्रम किए जाते हैं।

श्री राम सेवक सभा के इतिहास के साथ ही गंगा प्रसाद साह जी का भी इतिहास जुड़ा है इसीलिए उनके बारे में संक्षिप्त में उनके बारे में भी आइये जानते है।

स्व गंगा प्रसाद साह नैनीताल के चलते फिरते इनसाइक्लोपीडिया थे। उन का नगर पालिका नैनीताल,पागल जिमखाना और जिला क्रीड़ा संघ यानी एनटीजी एंड डीएसए , श्रीराम सेवक सभा , हिल साइड सेफ्टी कमेटी , जिला महिला हॉकी संघ सहित अनेक संस्थाओं- संगठनों से जुड़ाव रहा  चार कार्यकाल तक नैनीताल नगर पालिका के म्युनिसिपल कमिश्नर , सभासद , तीन – तीन वर्ष के दो कार्यकाल श्रीराम सेवक सभा के अध्यक्ष और तीन वर्ष के लिए संरक्षक , डीएसए के कई कार्यकालों में महासचिव , नैनीताल जिला महिला हॉकी एसोसिएशन के संस्थापक महासचिव सहित अनेक पदों पर रहे। नगर की सुरक्षा व अन्य व्यवस्थाओं के लिए अंग्रेजी दौर में बनी हिल साइड सेफ्टी कमेटी को दशकों के बाद पुर्नजीवित करने में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही थी।

गंगा प्रसाद साह जी को जितनी दिलचस्पी इतिहास और संस्कृति के संरक्षण और सीखने में थी, उतनी ही दिलचस्पी वो अपने ज्ञान को दूसरों को बांटने में भी विश्वास करते थे । नंदा देवी महोत्सव में बनने वाली सुन्दर नंदा सुनंदा की मूर्तियों को बनाने में भी उनकी बड़ी भूमिका रही । वे गजब के प्रयोगकर्ता रहे,उन्होंने हमेशा लीक से हटकर अच्छे विचारों को स्वीकार किया। उनके निकटस्थ रहे नगर पालिका के पूर्व सभासद जगदीश बवाड़ी और वर्तमान महासचिव श्री राम सेवक सभा के मुताबिक 1955-56 के आसपास गंगा प्रसाद साह जी ने ही नंदा सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण चांदी से शुरू किया था,लेकिन बाद में मूर्तियों के विसर्जन के दौरान झील के अस्तित्व को मद्देनजर रखते हुए मूर्तियों का निर्माण वापस कपड़े पर ही शुरू हो गया।

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गंगा प्रसाद साह ने बाद में इको फ्रेंडली रंगों से मूर्ति निर्माण पर ज़ोर दिया और मोनिका साह और उनकी टीम द्वारा अब हर साल इको फ्रेंडली रंगों से मां नंदा सुनन्दा की मूर्तियों का निर्माण किया जाता है।

पिछले वर्ष 2022 नवंबर माह में ही श्री राम सेवक सभा की नई 15 सदस्यीय कार्यकारिणी का गठन हुआ,जिसमे गिरीश जोशी मक्खन को संरक्षक, मनोज साह को अध्यक्ष, अशोक लाल साह को उपाध्यक्ष, जगदीश चंद्र बवाड़ी को महासचिव, राजेंद्र सिंह बिष्ट को उपसचिव, बिमल कुमार साह को कोषाध्यक्ष एवं विमल चौधरी को प्रबंधक चुना गया। देवेंद्र लाल साह,राजेंद्र लाल साह, राजेंद्र बजेठा, ललित मोहन साह, आलोक चौधरी, भीम सिंह कार्की एवं चंद्र प्रकाश साह इत्यादि सदस्य चुने गए है। सभा को कुंदन सिंह नेगी, मिथिलेश पांडे,कृष्णकांत साह,भुवन जोशी,संदीप साह,नीरज साह,इत्यादि का भी विशेष सहयोग रहता है। 

साल 2018 में श्री राम सेवक सभा का नया भवन बन कर तैयार हुआ था भवन में पूजा, हवन समेत विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया था, इस दौरान भवन के प्रथम तल में औपचारिक प्रवेश किया गया था। 

श्री राम सेवक सभा द्वारा प्रति वर्ष श्री नंदा स्मारिका पत्रिका प्रकाशित की जाती है जिसमे सम्पादक मंडल में वरिष्ठ पत्रकार उमेश तिवारी विश्वास(पूर्व में), प्रो ललित तिवारी,मुकेश जोशी,जगदीश बवाड़ी,अजय बिष्ट,हिमांशु जोशी योगदान देते हैं। इस पत्रिका में उत्तराखंड, कुमाऊं गढ़वाल, संस्कृति से जुड़े लेख, जन जागरुकता लेख,कविताएं इत्यादि प्रकाशित की जाती है।  

सरोवर नगरी नैनीताल के कुमाऊंनी एवं पारंपरिक शैली में सौंदर्यीकरण को लेकर जिला प्रशासन की ओर से किये जा रहे प्रयासो के तहत ही श्री राम सेवक सभा का भी कुमाऊंनी एवं पारंपरिक शैली के तहत सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। आधे से ज़्यादा कार्य पूरा हो चुका है दर्शकों के बैठने के लिए अब सीढियां भी बनाई गई है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग प्रांगण से रामलीला सहित अन्य कार्यक्रमों का भी लुत्फ़ उठा सकें। 

श्री राम सेवक सभा नैनीताल की एक ऐसी धार्मिक संस्था बन चुकी है जो शहर की सबसे पुरानी और विश्वसनीय संस्था है जिसमे पदाधिकारियों और सदस्यों के अलावा आम नागरिकों को भी अपनत्व का अनुभव होता है।

सूचनार्थ-श्री राम सेवक सभा से जुड़ी कोई अन्य जानकारी यदि आपको पता हो तो तथ्यों के साथ कमेंट में बताएं, उस जानकारी को खबर में जोड़ दिया जाएगा।

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