सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य किशन सिंह रावल का निधन, हिंदी व संस्कृत में थी गहरी पैठ
सम्पूर्ण गंगोलीहाट शोक में डूबा अपूर्णीय क्षति
कविता रावल
गंगोलीहाट रावलगांव निवासी सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य किशन सिंह रावल का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है । वह एक सप्ताह से फेफड़े में संक्रमण के कारण अस्वस्थ थे । जिनका इलाज हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल में चल रहा था इलाज के दौरान मंगलवार की रात्रि उनका निधन हो गया । रावल की तीन पुत्रियां व तीन पुत्र हैं जिनका भरा पूरा परिवार है । उनके तीन पुत्रों में सबसे बड़े कमल किशोर रावल धीरज रावल व त्रिभुवन रावल हैं । बुधवार की सुबह रावल का अंतिम संस्कार रामेश्वर के पवित्र घाट पर किया गया और तीनों पुत्रों ने चिता को मुखाग्नि दी ।
रावल गंगोलीहाट के प्रकांड विद्वानो में सुमार थे उनकी इतिहास हिंदी व संस्कृत में बहुत अच्छी पकड़ थी वे जीवन प्रयंत शाकाहारी रहे तथा मृदु व्यवहार के धनी थे । रावल 1996 में श्री महाकाली इंटर कॉलेज गंगोलीहाट से प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए । रावल ने श्री महाकाली दरबार रामलीला में वक्ता मैनेजर के रूप में भी सेवाएं दी और धार्मिक कार्यों में वह जीवन प्रयंत शामिल रहे । उनके निधन से गंगोलीहाट क्षेत्र को अपूर्णीय क्षति हुई है । रावल के निधन पर हिमालयन ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट , अध्यापक ठाकुर सिंह बिष्ट , हयात सिंह बिष्ट , भीमराज भंडारी , श्री दरबार रामलीला कमेटी के अध्यक्ष हेमराज रावल , किशन उप्रेती , श्यामाचरण उप्रेती , कल्याण सिंह धानिक , उमेश जोशी , प्रदीप पंत , बब्लू बर्मा , पंकज पंत , दीप चंद्र पंत , मनोज उप्रेती, कैलाश सिंह , नवीन उप्रेती सहित कई सामाजिक संगठनों ने गहरा शोक प्रकट किया है ।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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