सेवानिवृत शिक्षिका ‘डिजिटल अरेस्ट’ की शिकार, साइबर ठगों ने 31 लाख रुपये उड़ाए
नोएडा। साइबर ठगों ने एक सेवानिवृत शिक्षिका को धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में फंसाने का डर दिखाकर सात दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा और उनसे करीब 31 लाख रुपये ठग लिये। पुलिस ने बताया कि जालसाजों ने खुद को पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अधिकारी बताकर महिला को मानसिक रूप से डराया-धमकाया।
अपर पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) शैव्या गोयल ने बताया कि सेक्टर-100 निवासी पीड़िता ने शिकायत में कहा कि 24 अक्टूबर की सुबह उन्हें एक फोन आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई (TRAI) का कर्मचारी बताया। ठग ने कहा कि दो घंटे में उनका मोबाइल नंबर बंद कर दिया जाएगा क्योंकि उनके आधार कार्ड से दिल्ली के दरियागंज स्थित बैंक में खाता खोलकर अवैध लेनदेन किए गए हैं।
इसके बाद महिला के पास एक वीडियो कॉल आई, जिसमें व्यक्ति ने खुद को दिल्ली पुलिस अधिकारी बताया। उसने कहा कि उनके खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज है और जांच चल रही है। डर के माहौल में महिला से लगातार बातचीत कर ठगों ने सात दिन तक उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा और विभिन्न खातों में 31 लाख रुपये जमा करवा लिये।
पुलिस ने साइबर अपराध थाना में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अपर पुलिस उपायुक्त गोयल ने बताया कि यह मामला ‘डिजिटल अरेस्ट’ के बढ़ते मामलों में से एक है। इस प्रकार के अपराधों में ठग ऑडियो या वीडियो कॉल पर खुद को कानून प्रवर्तन एजेंसियों, अदालतों या सरकारी विभागों का अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं और उनसे रुपये वसूलते हैं।
पुलिस अपील: किसी भी अज्ञात कॉल या वीडियो कॉल पर अपनी निजी जानकारी या बैंक विवरण साझा न करें। किसी सरकारी विभाग से संबंधित कार्रवाई की पुष्टि हमेशा आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी थाने से करें।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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