डीएम ने की हिमपात व ओलावृष्टि की तैयारियों की समीक्षा-
-राहत एवं बचाव कार्यों के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश-
नैनीताल। जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट में हिमपात व ओलावृष्टि की तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में हिमपात, ओलावृष्टि के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों हेतु विभिन्न विभागों की तैयारियों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी गब्र्याल ने कहा कि वन विभाग, वन निगम हिमपात, ओलावृष्टि, ऑधी-तूफान से संवदेनशील क्षेत्र के वृक्षों की पातन करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि मार्गों पर गिरे वृक्षों को तत्काल मार्ग से हटाया जाना भी सुनिश्चित करेंगे।
आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत जिला प्राधिकरण को प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग, पुलिस एवं अग्निशमन विभाग, विद्युत विभाग, स्थानीय निकायों व राजस्व विभाग को निर्देशित किया गया है कि आपदा से संवेदनशील वृक्षों जो कि हिमपात, ओलावृष्टि, ऑधी-तूफान आदि की स्थिति में जान-माल को क्षति पहुंचा सकते हैं, उन्हें तत्काल निस्तारण कराना सुनिश्चित करेंगे। राजस्व, नगर निगम, पुलिस को सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था, गरीब निराश्रितों को नि:शुल्क कंबल वितरण तथा खुले में सोने वालेव्यक्तियों के लिए संचालित रैन बसेरों के माध्यम से ठंड से बचाव सुनिश्चित किए जाएं।
बैठक में जल संस्थान ने अवगत कराया कि हिमपात में पेयजल लाईनों में पानी के जम जाने से आपूर्ति प्रभावित होती है। इसको सुचारू रखे जाने हेतु जिन स्थानों में पाइप-लाइन भूमिगत नहीं है वहां पानी जम जाने पर उसे गर्म करके सुचारू किया जाता है। इसके अतिरिक्त पेयजल आपूर्ति हेतु एचडीपीई पाइप स्टाक में पर्याप्त मात्रा में रखे गए हैं।
उन्हें निर्देशित किया गया कि पेयजल आपूर्ति बाधित होने की दशा में संवेदनशील क्षेत्रों में टैकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। विद्युत विभाग ने अवगत कराया कि हिमपात के दौरान विद्युत आपूर्ति सुचारू रखे जाने हेतु विद्युत उप स्टेशनों पर कार्मिकों, अवर अभियंताओं की तैनाती सुनिश्चित की गई है। विभिन्न क्षमता के ट्रांसफार्मर, पोल तथा तार रिजर्व स्टाक में रखे गए हैं। डीएम ने निर्देशित किया कि समस्त विद्युत केन्द्रों, उप केन्द्रों पर तैनात अभियंताओं के अद्यतन दूरभाष नंबर रविवार तक कार्यालय को उपलब्ध करा दिया जाए। स्वास्थ्य विभाग ने अवगत कराया कि हिमपात से संवेदशीनल क्षेत्रों के समस्त चिकित्सालयों में आपतकालीन परिस्थितियों से निपटने हेतु इमरजेंसी किट्सउपलब्ध कराई गई है। प्रत्येक किट में आवश्यक जीवन रक्षक औषधियां एवं अन्य औषधीय सामग्री रखी गई है। शीतकालीन आपदा के दौरान समस्त चिकित्सकीय स्टाफ एवं चिकित्सक अपने-अपने मुख्यालय पर ही रहेंगे। ताकि आवश्यक स्थिति में तत्काल राहत बचाव कार्य किए जा सकें। जिलाधिकारी ने पूर्ति विभाग के अधिकारियों से कहा है कि आपतकालीन परिस्थितियों के दृष्टिगत ईधन भी रिजर्व रखा जाए। पुलिस/अग्निशमन विभाग ने अवगत कराया कि राहत बचाव कार्यों के दृष्टिगत पुलिस थानों, चौकियों, अग्निशमन विभाग के पास वुड कटर, कंक्रीट कटर, आयरन कटन, आस्का लाइट, रिमोट एरिया लाइट तथा अन्य उपकरण उपलब्ध कराये गए है।
जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्य अग्निशमन अधिकारी तथा संबन्धित थानाध्यक्ष, चौकी इंचार्ज सुनिश्चित कर लें कि उक्त उपकरण 24 घटें संचालित अवस्था में रहें। उन्होंने कहा कि किसी आकस्मिकता की स्थिति में उपकरणों विशेषकर आस्कालाईट रिमोट एरिया लाइट का प्रयोग राहत एवं बचाव कार्यों में किया जाए। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शनी, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. संदीप तिवारी, अपर जिलाधिकारी अशोकजोशी, संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन, सीटी मजिस्ट्रेट रिचा सिंह, उपजिलाधिकारी मनीष कुमार, गौरव चटवाल, रेखा कोहली, राहुल शाह, योगेश सिंह, डीएसओ मनोज बर्मन, आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलैश कुमार, अधिशासी अभियंता विद्युत, लोनिवि, पेयजल, स्वास्थ्य विभाग तथा पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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