भ्रष्टाचार के आरोप में रोडवेज के उप महाप्रबंधक निलंबित

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देहरादून। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप के चलते उत्तराखंड परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक (वित्त) भूपेंद्र कुमार को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उनके विरुद्ध सतर्कता अधिष्ठान, देहरादून में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित अधिनियम, 2018) की धारा 7, 13(1)(बी) और 13(2) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज है। 

उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) की प्रबंध निदेशक रीना जोशी द्वारा जारी निलंबन आदेश के अनुसार, यह कार्रवाई उत्तराखंड परिवहन निगम अधिकारी सेवा (सामान्य) विनियमावली, 2009 के भाग-पांच के विनियम 77 के तहत की गई है। निलंबन अवधि में भूपेंद्र कुमार को वित्तीय नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता, अर्द्ध वेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर तथा पात्र होने पर महंगाई भत्ता और अन्य अनुमन्य प्रतिकर भत्ते दिए जाएंगे। भत्तों का भुगतान तभी किया जाएगा जब वह लिखित प्रमाण पत्र देंगे कि निलंबन के दौरान वे किसी अन्य सेवा, व्यापार, वृत्ति या व्यवसाय में संलग्न नहीं हैं। निलंबन की कार्रवाई कर्मचारी सेवा नियमावली में निहित प्रावधानों और पारदर्शिता की नीति के तहत निगम प्रबंधन द्वारा की गई है।

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 बताया गया है कि उत्तराखंड परिवहन निगम के डीजीएम भूपेंद्र कुमार पर बस आपरेटरों और ढाबा संचालकों से भुगतान के बदले रिश्वत मांगने के आरोप हैं।मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद भूपेन्द्र कुमार के खिलाफ विगत 17 जुलाई को विजिलेंस द्वारा आय से अधिक सम्पत्ति व भ्र्ष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया।हालांकि भूपेंद्र कुमार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में भी अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। अदालत ने उन्हें जांच में सहयोग करने के निर्देश देने के साथ बिना अनुमति देश से बाहर नहीं जाने की हिदायत दी है।विजिलेंस की जांच में कहा गया है कि भूपेन्द्र कुमार और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में 59 लाख 82 हजार 300 रुपये अवैध रूप से जमा हुए थे।फिलहाल विजिलेंस की कार्रवाई गतिमान है।

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