5013 करोड़ का अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश, -आपदा प्रबंधन और समग्र शिक्षा के लिए सर्वाधिक प्रावधान   

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गैरसैंण। प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने गुरुवार को अपराह्न में वर्ष 2024-25 के लिए 5013.05 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया।बजट में आपदा प्रबंधन और समग्र शिक्षा के लिए सर्वाधिक वित्तीय प्रावधान किए गए हैं।                गुरुवार को निर्धारित समय के अनुसार वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अनुपूरक बजट पेश किया।उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष का मुख्य बजट लगभग 89230 करोड़ है।अनुपूरक बजट 2024-25 का आकार लगभग 5013.05 करोड़ का है जिसमें लगभग 3756.89 करोड़ राजस्व पक्ष में तथा लगभग 1256.16 करोड़ पूंजीगत पक्ष में प्रस्तावित है।अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र पोषित योजनाओं के अन्तर्गत 1531.65 करोड़ तथा बाह्य सहायतित योजनाओं के अन्तर्गत 273.17 करोड़ का प्राविधान इस अनुपूरक बजट के माध्यम से किया गया है।इसके अलावा आपदा प्रबन्ध विभाग के अन्तर्गत एसडीआरएफ हेतु 718.40 करोड़,समग्र शिक्षा के अन्तर्गत 697.90 करोड़, एसडीएमएफ के अन्तर्गत 229.6 करोड़ और सूचना विभाग के अन्तर्गत 225 करोड़ का प्राविधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि अनुपूरक बजट में शहरी विकास के अन्तर्गत नगरीय अवस्थापना के सुदृढ़ीकरण हेतु बाह्य सहायतित योजनाओं में 192 करोड़,पेयजल विभाग में सिवरेज मैनेजमेंट कार्यों हेतु धनराशि के रिंग फेंसिंग किये जाने हेतु 120 करोड़, गैर-सरकारी महाविद्यालयों को सहायता अनुदान 100.03 करोड़,अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना (पेंशनर) के अन्तर्गत 100 करोड़,शहरी विकास के अन्तर्गत ईडब्ल्यूएस आवासों हेतु 96.76 करोड़ वाइब्रेन्ट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत लगभग 130 करोड़, अग्निशमन सेवाओं का विस्तार एवं आधुनिकीकरण के अन्तर्गत 71 करोड़,मातृत्व लाभ योजना (प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना) मिशन शक्ति-सार्मथ्य के अन्तर्गत 70 करोड़,यूनिटी मॉल / प्लाजा निर्माण के अन्तर्गत 69 करोड़़, यूजेवीएनएल में ऋण (एसएएससीआई) के अन्तर्गत 61 करोड़़, यूपीसीएल परियोजनाओ हेतु ऋण (एसएएससीआई) के अन्तर्गत 61 करोड़,उत्तराखंड निवेश एवं आधिकारिक संरचना विकास निधि (यूआईआईडीएफ) के अन्तर्गत 52 करोड़, अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के अन्तर्गत 50 करोड़,प्रदेश के मार्गों- पुलियों का अनुरक्षण कार्य के अन्तर्गत 50 करोड़, पीएमजीएसवाई से बनी सड़कों के अनुरक्षण के अन्तर्गत 50 करोड़,नाबार्ड पोषित मार्गो- पुलियों का अनुरक्षण हेतु 50 करोड़,टिहरी झील के विकास हेतु 50 करोड़,स्थानीय निकायों तथा पंचायती राज अधिष्ठानों को समनुदेशन के अंतर्गत लगभग 46 करोड़,प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के अन्तर्गत 40.95 करोड़,नाबार्ड पोषित लघु सिंचाई योजनाओं के अन्तर्गत 40 करोड़,विभिन्न विभागों के अन्तर्गत पीएम जनमन योजना हेतु लगभग 44.11 करोड़,प्रधानमंत्री आवास योजना वन टाइम लोन के अन्तर्गत 35.83 करोड़, एनईपी के अंतर्गत पीएम श्री योजना के अन्तर्गत 76.22 करोड़, गौ सदन के निर्माण हेतु 32 करोड़,राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत 36.18 करोड़,स्टॉम्प एवं पंजिकरण विभाग के अन्तर्गत 27.58 करोड़,राज्य सम्पत्ति विभाग द्वारा आवासीय व अनावासीय भवन निर्माण के अन्तर्गत 25 करोड़, पुलिस कर्मियों के लिए आवास हेतु 25 करोड़,नर्सिंग कालेजों की स्थापना (अनावासीय) के अन्तर्गत 25 करोड़, सार्वजनिक एवं सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों को पीपीपी मोड हेतु वीजीएफ के अन्तर्गत 25 करोड़,सिंचाई विभाग में अन्य रख रखाव की मद के अन्तर्गत 25 करोड़,वनों की सुरक्षा एव प्रबंधन के अन्तर्गत 25 करोड़,मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु 20 करोड़, उत्तराखण्ड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना हेतु लगभग 20 करोड़,डेरी विकास परियोजना हेतु रिवाल्विंग फण्ड हेतु 15 करोड़,हाउस ऑफ हिमालयाज को एक सशक्त ब्रान्ड के रूप में स्थापित करने हेतु 10 करोड़,पर्वतीय मार्गों में परिवहन निगम द्वारा बस संचालन के फलस्वरूप होने वाली हानि की प्रतिपूर्ति हेतु 15 करोड़,परिवहन निगमों की बसों में निर्धारित श्रेणियों के यात्रियों हेतु निशुल्क यात्रा सुविधा हेतु 12 करोड़, प्रदेश के समस्त जनपदों में हवाई सम्पर्क सैचुरेशन हेतु उड़ान योजना के अन्तर्गत 10 करोड़, साईलेज एवं दुधारू पशु पोषण योजना हेतु 10 करोड़, मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि के अन्तर्गत 8.00 करोड़, सेतु आयोग हेतु 7.80 करोड़, काशीपुर में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण हेतु 5.75 करोड़, मुख्यमंत्री उड़न खटोला योजना के अन्तर्गत 5 करोड़,विद्या समीक्षा केन्द्र हेतु 5 करोड़, राजकीय वृद्ध आश्रम भवन निर्माण हेतु 5 करोड़, पीएमई बस सेवा स्कीम अन्तर्गत देहरादून एवं हरिद्वार में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन हेतु लगभग 5 करोड़, आईस स्केटिंग रिंग के संचालन हेतु एक बारगी (वन टाईम) अनुदान के रूप में 5 करोड़, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना हेतु 6 करोड़,मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना हेतु 2 करोड़,वर्ल्ड आयुर्वेदा कांग्रेस एवं एक्सपों के आयोजन को 2 करोड़ और प्रधानमंत्री मातृत्व योजना हेतु लगभग लगभग 1.44 करोड़ का प्राविधान अनुपूरक बजट में प्रस्तावित है।

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