बड़ी खबर…उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार डाटा चोरी की धाराओं में मुकदमा, कॉल सेन्टर की आड़ में साइबर ठगी करने वाले संगठित गैंग का भंडाफोड़
पुलिस ने साइबर ठगी के मामले में बड़ा खुलासा किया है। दिल्ली में कॉल सेन्टर की आड़ में साइबर ठगी करने वाले संगठित गैंग का भंडाफोडकिया है। दिल्ली में संचालित फर्जी कॉल सेन्टर गैंग का सरगना सलीम खान समेत चार आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं । उनसे भारी मात्रा में बेस फोन, सिम कार्ड, मोबाइल फोन व वाईफाई सहित 170 से भी ज्यादा उपकरण बरामद किए गए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. मंजूनाथ टीसी ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि शान्तिपुरी नम्बर 2 निवासी खीम सिंह मेहता ने शिकायत की थी कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने फोन कर इन्श्योरेन्स कम्पनी की पॉलिसी पर बोनस का झांसा देकर उनसे छह लाख 43 हजार 700 की साइबर धोखाधड़ी कर ली। विवेचना पंतनगर प्रभारी निरीक्षक राजेन्द्र सिंह डांगी को दी गई। पुलिस ने छह टीमों का गठन करते हुए दिल्ली राज्य में जगह-जगह दबिश दी। वहीं मनावा बिजनेस मैनेजमेन्ट प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी पता रामा रोड नजफगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया न्यू मोती नगर दिल्ली में कम्पनी का होना पाया गया। जिसका मालिक सलीम खान व बॉस की पत्नी अर्शी खान प्रकाश में आए।
पुलिस विजय पुत्र राममिलन निवासी सुलतानपुरी नई दिल्ली, लोकेश उर्फ जतिन पुत्र राजेश निवासी जनकपुरी ब-1 दिल्ली, राहुल कुमार पुत्र अशोक साहनी निवासी सुलतानपुरी नई दिल्ली को मय घटना में प्रयुक्त फोनो के साथ हिरासत में ले लिया। उनसे कडाई से पूछताछ में पता चला कि मनावा बिजनेस मैनेजमेन्ट प्रा लि कम्पनी के मालिक सलीम खान और अरसी खान है। पुलिस ने दबिश देकर सलीम खान को पश्चिम पुरी बस स्टॉप पंजाबी बाग के पास वेस्ट दिल्ली में पकड़ लिया। उसके कब्जे से धोखाधड़ी में प्रयुक्त किये जाने वाले भारी मात्रा में बेस फोन, सिम कार्ड, मोबाइल फोन व वाईफाई आदि 170 से भी ज्यादा उपकरण बरामद किये गये। जो पूरे भारत में इन कम्पनी के लोगो द्वारा कई जगह करोड़ो रुपये की धोखाधड़ी करना पाया गया। प्रारंभिक जांच में 6-7 शिकायतें जो भिन्न-भिन्न प्रदेशो से सम्बन्धित है प्रकाश में आयी हैं।
कप्तान ने कहा कि सलीम खान ने बताया गया कि वह स्वयं और उसकी पत्नी अर्शी खान इस कम्पनी की आड़ में अपने कर्मचारियो की मदद से पूरे भारत वर्ष में साईबर धोखाधड़ी करते आये हैं। आरोपी द्वारा रजिस्टर्ड कॉल सेंटर चलाया जा रहा था, जिसकी आड़ में लोगों को इन्शोरेन्स पालिसी बोनस तथा अन्य प्रलोभन देकर उनसे ठगी कर पैसा फर्जी खातों में लिया जा रहा था। यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि गैंग के सरगना लोगों का प्राइवेट डाटा चुराकर बेचने वाले आरोपी प्रवेश चौहान से खरीदते थे। उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार अभियोग में डाटा चोरी सम्बन्धी सुसंगत धाराओं में बढोत्तरी की गयी है।
कप्तान ने बताया कि यह तथ्य भी प्रकाश में आया है कि कॉल सेन्टर संचालन हेतु भारी मात्रा में फर्जी सिमों का प्रयोग किया जा रहा था, ये फर्जी सिम बेचने वाले अभियुक्त चन्दन कुमार झा को पुलिस ने चिन्हित किया है। धोखाधड़ी का पैसा मनोज जो बुराड़ी का रहने वाला हैं, उसके द्वारा उपलब्ध कराये गये फर्जी खातों में मंगाया जाता हैं एवं राहुल द्वारा अलग अलग एटीएम से निकालकर आरोपियों को लाकर दिया जाता हैं। अब तक प्रकाश में आये अन्य आरोपी अर्शी खान, मनोज, रवि, प्रवेश चौहान एवं चन्दन कुमार झां की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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