बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा -कोर्ट ने 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड व अंकिता के परिजनों को चार लाख रुपये देने का फैसला सुनाया


कोटद्वार। बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने शुक्रवार को फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड और अंकिता के परिजनों को चार लाख रुपये देने का फैसला भी कोर्ट ने सुनाया। उधर, न्यायालय का फैसला आने से पहले ही भीड़ ने पुलिस प्रशासन की बैरिकेडिंग को तोड़कर न्यायालय की ओर बढऩे का प्रयास किया।
अदालत के फैसले पर पूरे उत्तराखंड और देश के लोगों की निगाहें टिकी थीं। कोटद्वार में इसके लिए पुलिस प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए थे।
19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस व दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तिथि निर्धारित की थी। कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी 2023 को मामले की पहली सुनवाई शुरू हुई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोप-पत्र दाखिल किया गया। तीनों हत्यारोपियों वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर आरोप तय होने के बाद 28 मार्च, 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई। करीब दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से विवेचक समेत 47 गवाह अदालत में परीक्षित कराए गए। हालांकि एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 अहम गवाहों को ही अदालत में पेश कराया गया।
अब आरोपियों को उम्रकैद की सजा के फैसले से अंकिता के माता पिता खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने हमारी बेटी को मौत दी, उन्हें भी मौत की सजा मिलनी चाहिए। कहा कि हमारे जिंदा रहते इन हत्यारों को मौत की सजा मिले, हम इसके लिए हाईकोर्ट में अपील करेंगे। कोतवाल रमेश तनवार ने बताया कि अदालत परिसर में पुख्ता सुरक्षा प्रबंध करने के लिए पौड़ी जिले के साथ ही देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी जनपदों से बड़ी संख्या में पुलिस बल, अधिकारी और डेढ़ कंपनी पीएसी के जवान तैनात किए गए थे।
अदालत के फैसले को देखते हुए एसडीएम कोटद्वार सोहन सिंह सैनी ने अदालत परिसर के 200 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर दी। जिला प्रशासन ने कोटद्वार में चार और पौड़ी में एक मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी। कोई भी व्यक्ति समूह में अदालत के 200 मीटर के दायरे में प्रवेश नहीं कर सकेगा। इसके साथ ही नारेबाजी, धरना प्रदर्शन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।



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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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