हाइकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के।मामले में शिक्षा सचिव को कोर्ट में पेश होने को कहा-

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नैनीताल ।  हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति हेतु अंतिम तिथि नहीं बढ़ाने पर शिक्षा सचिव को वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट में  पेश होने को कहा है । मुख्य न्यायाधीश रघुवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ ने शिक्षा सचिव को बुधवार 22 सितम्बर को उच्च न्यायालय में तलब किया है । गौरतलब है कि सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (सी.टी.ई.टी) परीक्षा जो जुलाई 2020 में होनी थी, वह जनवरी 2021 में ही हो पाई और उनके नतीजे फरवरी 2021 में ही आ सके ।

इस बीच राज्य सरकार द्वारा दिसंबर 2020/ जनवरी 2021 में सूबे के 10 जिलों में 2248 रिक्तियों को भरने हेतु, भर्ती प्रक्रिया को आरंभ  करदिया और अंतिम तिथि सीटीईटी सर्टिफिकेट जमा करने की दिसंबर 2020 / जनवरी 2021 में ही रख दी । इस नतीजे की वजह से जिन अभ्यर्थियों के नतीजे फरवरी 2021 में आए, बिना उनकी किसी गलती के, उनको आवेदन के अधिकार से वंचित रख दिया गया ।
. इस मामले पर पौरी गढ़वाल के समाजसेवी अनु पंत द्वारा जनहित याचिका के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की गुहार लगाई गई । सरकार की ओर से आज माननीय उच्च न्यायालय में यह कहा गया कि वह 2021 फरवरी में आए सीटीईटी परिणामों के संबंध में, शिथलीकरण नहीं देना चाहती। इस पर माननीय उच्च न्यायालय ने शिक्षा सचिव को व्यक्तिगत तौर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश होने का आदेश दिया है । गौरतलब है कि करोना महामारी से विचलित बेरोजगार वर्ग के ही हितों को बचाने के लिए यह जनहित याचिका दाखिल की गई है । पूर्व में समाजसेवी रविंद्र जगरान की ऐसी ही जनहित याचिका पर असिस्टेंट टीचर एल टी ग्रेड के आवेदकों को राहत देते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने सीटीईटी सर्टिफिकेट जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया था ।

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