एक महिला की कार खरीदने की कहानी अब विवाद में बदली -बैंक मैनेजर और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज

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हल्द्वानी। एक महिला की कार खरीदने की कहानी अब एक बड़े विवाद में बदल गई है, जब बैंक मैनेजर और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। यह मामला तब सामने आया जब प्रियंका उप्रेती ने पंजाब नेशनल बैंक की रेलवे बाजार शाखा से लोन लेकर कार खरीदी थी, लेकिन कुछ महीनों बाद अपने पति की बीमारी के कारण वह लोन की किश्तें जमा नहीं कर पाई। प्रियंका ने इस स्थिति के बारे में बैंक मैनेजर उमा शंकर तिवारी को सूचित किया था और इसके बाद उसने वन टाइम सेटेलमेंट के तहत पूरा लोन चुका दिया था। इसके बावजूद बैंक ने उनका लोन खाता एपीए (अकाउंट प्रोसीडिंग अकाउंट) कर दिया और प्रियंका को नो ड्यूज सर्टिफिकेट दे दिया। हालांकि प्रियंका को फार्म 35 नहीं मिला जो कि उनके लोन की पूरी चुकता करने के बाद मिलना चाहिए था।

इस मामले में नया मोड़ तब आया जब प्रियंका की जब्त की गई कार को बैंक मैनेजर ने बिना किसी कानूनी औपचारिकता के पंकज कांडपाल को बेच दी, जबकि कार के कागजात प्रियंका के नाम पर थे। प्रियंका ने इस मामले को लेकर पहले पुलिस से संपर्क किया लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। अखिरकार प्रियंका ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद जांच करने का आदेश दिया। इसके बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर बैंक मैनेजर उमा शंकर तिवारी और पंकज कांडपाल के खिलाफ धोखाधड़ी (धारा 420), संपत्ति की चोरी (धारा 403) और आपराधिक साजिश (धारा 120ख) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

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