शर्तों के साथ जागेश्वर में होगी पूजा और दर्शन – बाहरी राज्यों के लोगों को लानी होगी आरटीपीसीआर रिपोर्ट – दर्शन के लिए मिलेगा सिर्फ दस मिनट का समय

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 अल्मोड़ा 15 जुलाई: विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में इस बार भी श्रावणी मेले को कोरोना का ग्रहण लील गया है। इस बार भी इस मेले का आयोजन नहीं होगा। श्रद्धालुओं को शर्तों पर दर्शन और पूजा की अनुमति मिलेगी। एक दिन में अधिकतम एक हजार श्रद्धालु ही मंदिर के दर्शन कर पाएंगे।                      

ज्योतिर्लिंग जागेश्वर धाम में हर साल श्रावण मास में श्रावणी मेले का आयोजन किया जाता है। लेकिन जब से वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण फैला है तब से इस मेले का आयोजन नहीं हो पा रहा है। इस बार भी मेले को स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन और मंदिर प्रबंधन द्वारा लिए गए निर्णयों के अनुसार आरतोला और सांस्कृतिक मंच जागेश्वर के पास बैरियर लगाए जाएंगे। जहां से श्रद्धालुओं को पास जारी किए जाएंगे। बिना पास के कोई भी व्यक्ति मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएगा। मंदिर दर्शन सुबह साढ़े छह बजे से शाम छह बजे तक ही हो सकेंगे। अग्रिम बुकिंग के आधार पर प्रतिदिन अधिकतम सौ पूजा हो पाएंगी। बुकिंग मंदिर समिति या पुजारियों के माध्यम से एक दिन पूर्व कराई जा सकेगी। पूजा कार्यक्रम में एक परिवार के केवल छह सदस्य ही प्रतिभाग कर सकेंगे। धाम में पूजा सूचीबद्ध पुजारी ही करेंगे। बाहरी पुजारियों को धाम में पूजा की अनुमति नहीं होगी। प्रशासन ने भंडारा किए जाने और मंदिर के गर्भ गृहों में जाने को भी प्रतिबंधित किया गया है। मंदिर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को केवल दस मिनट का समय दिया जाएगा। पूजा अर्चना जागेश्वर मंदिर समूह के अलावा दंडेश्वर मंदिर भी आयोजित कराए जा सकेंगे। त्तराखंड के बाहरी क्षेत्रों से जागेश्वर धाम आने वाले श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी।

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