जागेश्वर धाम के मुख्य पुरोहित हेमन्त को महामंडलेश्वर की उपाधि – अब हेमन्त भट्ट से बने कैलाशानंद महाराज

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हल्द्वानी। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में सप्तऋषि अखाड़ा के 13 संतो को महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर की उपधि दी गई है। अखाड़ा के संस्थापक सच्चिदानंद बालप्रभु महाराज को सप्तऋषि सम्प्रदायाचार्य मदजगद्गुरु सप्तऋषि पीठाधीश्वर पद पर आसीन किया गया है। मदजगद्गुरु रामानुजाचार्य योगेश्वराचार्य एवं जगदगुरु अवधेश प्रपन्नाचार्य व अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय सत्र से अखाड़ा परिषद ऋषि हर मनोज दास गुरुजी के सान्निध्य में यह घोषणा की गई।

सनातन धर्म की रक्षा तथा प्रचार-प्रसार कर रहे तथा निरंतर धार्मिक कार्यो में संलग्न रहने वाले विश्वभर से कई मठों, धामों तथा अखाड़ों से चयनित विभिन्न राज्यों से धर्माचार्य सनातनी विभूतियों का चयन किया गया। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में उनका शुद्धिकरण अर्थात पट्टा अभिषेक कार्यक्रम को संपन्न जगद्गुरुओं ने करवाया। उसी क्रम में अखाड़ा परिषद ने जागेश्वर धाम के मुख्य पुरोहित पंडित हेमन्त भट्ट (कैलाश) का नाम बदलकर  ऋषिवर कैलाशानंद महाराज कर उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित किया गया है।

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अखाड़ा के महामंडलेश्वर की उपाधि मिलने के के पश्चात कैलाशानंद महाराज सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार, धर्मांतरण को रोकना, आश्रम, धर्मशालाओ का निर्माण, नशा मुक्ति व धार्मिक आयोजन आदि कार्य करेंगे। कैलाशानंद का सनातन धर्म के प्रति आस्था व धार्मिक क्रियाकलापोंमें संलग्न, अनेकानेक महात्माओं का अनुसरण इनके द्वारा पूर्व से ही किया गया है। उज्जैन पट्टाभिषेक समारोह के दौरान इस आयोजन में आचार्य लोकेश जोशी, आचार्य नीरज तिवारी, पंडित विनोद जोशी व पंडित विशाल भट्ट आदि सम्मलित रहे। वहीं उज्जैन महाकाल की नगरी से महामंडलेश्वर की उपाधि लेने के पश्चात हल्द्वानी आगमन पर सैकड़ो लोगों ने उनका स्वागत किया।

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