सरकार के आश्वासन के बाद ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल वापस ली

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नई दिल्ली। नई आपराधिक संहिता के तहत हिट-एंड-रन मामलों में सजा 2 साल से बढ़ाकर 10 साल किए जाने के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन बीती रात केंद्र के आश्वासन के बाद खत्म हो गया कि वह इसे लागू करने से पहले उनके साथ चर्चा करेगी।


ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला से मुलाकात की। बैठक के दौरान भल्ला ने उन्हें बताया कि नए कानून के तहत प्रावधानों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। उन्होंने उन्हें यह भी आश्वासन दिया कि मंत्रालय इसे लागू करने से पहले एआईएमटीसी के साथ चर्चा करेगा। इस आश्वासन के बाद कि प्रावधानों को लागू करने से पहले चर्चा की जाएगी, एआईएमटीसी ने ड्राइवरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की।

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एआईएमटीसी के चेयरमैन मलकीत सिंह बल के मुताबिक, नए कानून की धारा 106 (2) में ‘हिट-एंड-रन’ मामलों में 10 साल तक की कैद और 7 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर इस प्रावधान का विरोध कर रहे हैं और उनकी मांग है कि इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को अपनी सहमति दे दी है और इसे 26 जनवरी से पहले अधिसूचित किया जा सकता है। गृह मंत्रालय का कहना है कि इस बदलाव से एक ऐसी प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसके जरिए कोई भी पीडि़त 3 साल के अंदर न्याय पा सकेगा।

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