अंकिता भंडारी हत्याकांड का खुलासा, बीजेपी नेता के बेटे समेत तीन गिरफ्तार

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-कस्टमर से शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाता था मालिक


देहरादून। पौड़ी श्रीकोट गांव निवासी 19 साल की अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में पुलिस ने जांच मिलने के 24 घंटे के अंदर ही घटना का खुलासा कर दिया है। लक्ष्मणझूला पुलिस को ये केस यमकेश्वर तहसील के राजस्व क्षेत्र के पट्टी उदयपुर पला-2 राजस्व पुलिस से ट्रांसफर हुआ था। अंकिता गंगा भोगपुर स्थित रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट पद पर काम कर रही थी। वो 18 सितंबर को रिसॉर्ट से ही रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी। पुलिस ने बताया रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य और उसके दो साथियों ने मिलकर अंकिता को रिजॉर्ट से कुछ दूरी पर ले जाकर चीला शक्ति नहर में फेंका। पुलिस के अनुसार, रिजॉर्ट का मालिक हरिद्वार निवासी पुलकित आर्य और उसके दो साथियों ने मिलकर मासूम युवती को चीला नहर में फेंका था। अभी लड़की का शव नहीं मिला है। पुलिस शव की तलाश कर रही है। बता दें कि, वनंत्रा रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य पूर्व राज्य मंत्री भाजपा विनोद आर्य का बेटा है। पुलकित आर्य लॉकडाउन के दौरान भी विवादों में आया था जब वो उत्तर प्रदेश के विवादित नेता अमनमणि त्रिपाठी के साथ उत्तरकाशी में प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंच गया था। पुलकित के पिता विनोद आर्य मौजूदा समय में वो बीजेपी ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। इसके साथ ही यूपी के सह प्रभारी हैं। उनका दूसरा बेटा अंकित आर्य दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री है। वो इस वक्त राज्य पिछड़ा आयोग में उपाध्यक्ष है।


ऐसे किया पुलिस ने खुलासा: राजस्व से केस ट्रांसफर होने के बाद एसएसपी पौड़ी यशवंत सिंह चौहान ने तुरंत युवती की गुमशुदगी के मामले में तेजी दिखाते हुए एक टीम का गठन किया। एसएसपी के निर्देश पर एएसपी व क्षेत्राधिकारी सर्किल श्रीनगर, थाना लक्ष्मणझूला एवं थानाध्यक्ष देवप्रयाग की टीमों ने मामले में जांच शुरू की। पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिससे पता चला कि अंकिता भंडारी रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भाष्कर और अंकित उर्फ (पुलकित) गुप्ता के साथ बीते 18 सितंबर की रात करीब 8 से 9 बजे के बीच ऋषिकेश गई थी। आरोपी तो वापस रिजॉर्ट लौटे लेकिन अंकिता कहीं नजर नहीं आई। वापस लौटने के बाद तीनों ने रिजॉर्ट के कुक को अंकिता का खाना रूम में भेजने से मना किया और कहा कि अंकित उर्फ (पुलकित) गुप्ता खुद खाना लेकर कमरे में जाएगा। रिजॉर्ट कर्मियों से पूछताछ की गई तो मालूम कि अंकिता तीनों आरोपियों के साथ रात करीब 8 बजे रिजॉर्ट से बाहर गयी थी, लेकिन उसी रात साढ़े 10 से 11 बजे के बीच तीनों ही वापस आये लेकिन अंकिता इनके साथ नहीं थी। रिजॉर्ट कर्मियों ने ये भी बताया कि 18 सितंबर की शाम को अंकिता काफी परेशान थी। फोन पर रोते हुए एक कर्मी से उसने अपना बैग ऊपर लाने के लिए कहा था। एक परिचित को किए गये वाट्सएप मैसेज में भी अंकिता ने परेशान होने की बात बताई थी। इन सुबूतों के आधार पर पुलिस पुलकित आर्य (35, पुत्र डॉ. विनोद आर्य निवासी स्वदेशी भवन आर्यनगर, थाना ज्वालापुर हरिद्वार), अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता (19, पुत्र राजेंद्र कुमार गुप्ता निवासी 42-ए दयानंद नगरी थाना ज्वालापुर हरिद्वार) और सौरभ भाष्कर (35, पुत्र शक्ति भाष्कर निवासी 18-ए सूरजनगर, थाना ज्वालापुर हरिद्वार) को पूछताछ के लिए थाने लेकर आई। जिस पर पुलिस के सामने तीनों आरोपियों ने जुर्म कबूल करते हुए पूरी घटना के बारे में बताया।
पुलिस के अनुसार, पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 18 सितंबर की शाम पुलकित आर्य और अंकिता रिजॉर्ट में थे। तभी दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ।

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इस पर पुलकित ने अपने अन्य दो साथियों से कहा कि अंकिता गुस्से में है, इसे लेकर ऋषिकेश चलते हैं। जिस पर तीनों अलग-अलग गाड़ियों से गए। ये लोग ऋषिकेश बैराज होते हुए एम्स के पास पहुंचे। वापसी में पुलकित अंकिता को स्कूटी पर लेकर आया और बाकी दोनों से आगे निकल गया। जब सभी बैराज चौकी से करीब डेढ़ किमी आगे पहुंचे तो पुलकित अंकिता के साथ अंधेरे में रुका था। सभी आरोपियों ने वहीं पर रुककर शराब पी और मोमोज खाए। सभी लोग चीला रोड पर नहर के किनारे बैठे हुए थे। तभी वहां भी अंकिता और पुलकित के बीच फिर किसी बात को लेकर झगड़ा होने लगा। पुलकित का कहना था कि अंकिता उनकी बातें अपने साथियों को बताती थी। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि रिजार्ट मालिक पुलकित आर्य और अन्‍य आरोपित अंकिता पर कस्टमर से संबंध बनाने का दबाव बनाते थे। यह बात अंकिता ने अपने दोस्‍तों को बता दी थी। इसको लेकर रिजार्ट मालिक और अंकिता में विवाद हुआ था। जिसकेबाद आरोपित उसे अपने साथ ले गए थे।

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उधर, अंकिता ने आरोप लगाया कि उसे रिजॉर्ट आने वाले ग्राहकों से संबंध बनाने के लिए कहा जाता है। इसी दौरान अंकिता और बाकियों की जमकर झड़प हो गयी। अंकिता ने धमकी दी कि वो रिजॉर्ट की सारी करतूतों को बाहर बता देगी। गुस्से में अंकिता ने पुलकित का मोबाइल नहर में फेंक दिया। इस पर आरोपियों को गुस्सा आ गया, और उन्होंने नशे की हालत में पहले अंकिता से हाथापाई की और फिर उसे नहर में धक्का दे दिया। नहर में गिरते ही वो एक-दो बार पानी के ऊपर आकर चिल्लाई उसके बाद डूब गई। इस घटना के बाद आरोपी घबरा गए। इस पर आरोपियों ने फिर एक साजिश रची। उन्होंने सोचा कि अंकिता के साथ उनको रिजॉर्ट से निकलते हुए रिजॉर्ट कर्मी अभिनव और कुश ने देखा था। तब उन्होंने प्लान बनाया और रिजॉर्ट के शेफ मनवीर को फोन कर चार आदमियों का खाना तैयार करने को कहा, ताकि लगे कि अंकिता उनके ही साथ है। जब शेफ मनवीर ने अंकित से अंकिता को लेकर पूछा तो उसने कहा कि फिलहाल वो उनके साथ नहीं है। इसके बाद तीनों आरोपी किनारे वाले रास्ते से रिजॉर्ट में आ गए। तय प्लान के तहत अंकित शेफ से अंकिता का खाना लेकर अंकिता के कमरे में गया और वहां खाना रखकर आ गया। सुबह पुलकित आर्य और अंकित गुप्ता हरिद्वार चले गए। वहां पुलकित ने नया मोबाइल और उसी नंबर का डमी सिम खरीदा। प्लान के तहत ही पुलकित ने रिजॉर्ट में काम करने वाले सौरभ बिष्ट को कहा कि अंकिता के कमरे में जाकर उसका फोन लेकर आए, ताकि सौरव कमरे में जाकर उनको ये बताए कि अंकिता कमरे में नहीं है और ना ही अंकिता का फोन वहां है। अब तक सब कुछ आरोपियों के प्लान के तहत ही हुआ। इतना ही नहीं, किसी को शक न हो इसलिए आरोपियों ने ही अंकिता की गुमशुदगी की प्राथमिकी भी दर्ज करवाई थी। इसके बाद आरोपियों ने प्लान किया कि तीनों एक जैसे बयान देंगे। उसी के अनुसार आरोपियों ने अंकिता की गुमशुदगी भी दर्ज करायी, जिससे उन पर कोई शक न हो सके। मामला राजस्व पुलिस के पास होने के चलते आरोपियों ने योजना के तहत ही बयान दर्ज कराए, लेकिन 18 सितंबर से बेटी की कोई खबर नहीं मिलने पर परिजनों को चिंता सताने लगी। अंकिता की मां सोनी देवी, ग्रामीणों व परिजनों ने 21 सितंबर इस पर जिला मुख्यालय पौड़ी में डीएम से बेटी की खोजबीन के लिए गुहार लगाई। साथ ही मामला रेगुलर पुलिस को सौंपने की भी मांग की। जिस पर डीएम डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने बीते गुरुवार 22 सितंबर को मामला राजस्व पुलिस ने रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया। एसएसपी पौड़ी ने तेजी दिखाते हुए टीम बनाकर मामले की जांच शुरू की। पुलिस से सबसे पहले रिजॉर्ट से ही जांच से ही शुरुआत की गई। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रिजॉर्ट के मालिक, मैनेजर और कर्मियों से गहनता से पूछताछ की तो सारा मामला खुल गया।

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