तहसील मुख्यालय भिकियासैंण में आज पैननरों ने 42 वें दिन भी धरने को रखा जारी –

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एस आर चंद्रा

भिकियासैंण।तहसील मुख्यालय भिकियासैंण में आज पैननरों ने 42 वें दिन भी धरने को जारी रखा। आज़ बयालीस दिन हो गए हैं परन्तु सरकार की ओर से अभी तक कोई पहल होती नज़र नहीं आ रही है। ऐसा लगता है सीनियर सिटीजन का यह ऐतिहासिक आंदोलन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के बाद ही समाप्त होगा। आन्दोलन स्थल पर इकानव्वे बर्ष की उम्र पार कर चुके देब सिंह घुगत्याल ने मांग नहीं माने पर आमरण- अनशन करने की चेतावनी दी है वहीं एक सौ वर्ष की उम्र पार कर चुके इन्द्र सिंह अधिकारी कई बार धरना कर चुके हैं,धरने में अधिकतर लोग किसी के हार्ट सर्जरी हुई है तो किसी के प्रोस्टैट ग्लैड का आपरेशन हुआ है और वह पेशाब की थैली लिए धरने में शामिल हो रहे है, कोई पांवों से चल नहीं पा रहा है ऐसा विचित्र आन्दोलन आज तक कहीं देखने को नही मिला इसके बाद भी आन्दोलन स्थल पर प्ररेणा दायक जन गीतों में उनकी बुलंद आवाज से पूरा तहसील परिसर गुंजायमान हो जा रहा है। और जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं। उनके जज्वे को देखकर सचमुच कभी बड़ी हैरानी हो जाती है। ऐसा लगता है वें अपनी मांग को मनाकर ही दम लेंगे।

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बैठक को सम्बोधित करते हुए संगठन के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल ने शासनादेश की कमियों को बड़े विस्तार से समझाया उन्होंने कहा शासनादेश में त्रिस्तरीय शिकायत निवारण समिति बनाने का उल्लेख है परन्तु तीन साल बाद भी समिति अस्तित्व में नहीं आयी है राजकीय कर्मचारियों व पैंशनर्स एवं उनके परिवार के लिए डाईग्नोस्टिक सेन्टर व औषधालय पंजीकृत किए जाने हैं परन्तु अभी तक एक भी ऐसे कोई सेन्टर पंजीकृत नहीं किए गए हैं। शासनादेश में आईं टी व्यवस्था के अंतर्गत इलाज में हुए खर्च का भुगतान किया जाना है इसका मतलब है ओ पी डी भी कैस लैश होगी लेकिन यह सफेद झूठ साबित हो रहा है। गोल्डन कार्ड के पूरे देश में पच्चीस हजार से भी अधिक चिकित्सालयों को सूचीबद्ध किया है, परन्तु प्रदेश के अन्दर सरकारी अस्पताल भी इस गोल्डन कार्ड को स्वीकार नही कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कई पैंशनर्स व कर्मचारी वर्तमान में प्राधिकरण द्वारा सूचीबद्ध चिकित्सालयों में अपना इलाज करा रहे हैं परन्तु उन्हें गोल्डन कार्ड का लाभ नहीं मिल रहा है। दूसरी ओर कुछ पहुंच रखने वाले लोगों का इलाज प्रदेश से बाहर के चिकित्सालयों बहुत आसानी से हो रहा है अभी तक तैतालीस लोग बाहर से अपना इलाज करा चुके हैं। तड़ियाल ने आगे कहा इस पैसे की बन्दर बांट हो रही है। केवल प्रचार प्रसार पर ही 2,84,77,600 रुपए खर्च किए गए। प्राधिकरण की वर्षगांठ पर करीब साठ लाख रुपए खर्च हुए प्राधिकरण के आफिस के लिए लगभग चार करोड़ रुपए का अनुबंध एक प्राईवेट कम्पनी से किया गया। उन्होंने सभी कर्मचारियों पैनशर्स व आम जनता से भी इस भ्रष्टाचार के खिलाफ इस आंदोलन में सरीक होने की अपील की। बैठक में वक्ताओं ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग गईं। बैठक को देब सिंह घुगत्याल, खीमानंद जोशी, के एन कबडवाल, मोहन सिंह नेगी, किसन सिंह मेहता, दान सिंह बिष्ट, प्रेम सिंह बिष्ट, दामोदर जोशी, जी डी जोशी, गोविन्द राम आर्य, ख्याली सिंह, धनीराम टम्टा, कैलाश चन्द्र जोशी, रमेश चंद्र सिंह बिष्ट, एस एस मावड़ी,एपी लकचौरा, यू डी सत्यबली, आदि लोगों ने सम्बोधित किया।

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