वीआईपी सीट लालकुआं से क्यों मिली हरीश रावत को हार- पढ़ें पूरी खबर-

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हल्द्वानी। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सबसे वीआईपी सीट लालकुआं सहित जनपद नैनीताल की सभी 6 विधानसभा सीटों के चुनाव नतीजे आ चुके हैं। मतगणना के अंतिम चरण में लालकुआं सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉ मोहन बिष्ट ने पूरे चुनाव में अपनी पकड़ बनाकर इस वीआईपी सीट को हासिल किया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को हार का मुँह देखना पड़ा। आखिर इतना पैसा बहाने के बाद भी उसका कोई फायदा नहीं मिला। दूसरी पार्टियों से खरीद फरोख्त का भी कोई फायदा नहीं मिला। सबसे बड़ा हार का कारण यह भी था कि जिन चेहरों को लोग पसंद नहीं करते थे, वह ढाल बनकर साथ तो रहे लेकिन उनका जनता में कोई जनाधार नहीं था। सोसल मीडिया में भी घमंड की बू आ रही थी। असली जमीन से जुड़े लोगों से ना मिलकर हवाई दौरे, मीडिया सलाहकार इस क्षेत्र से बाहर के लोगों का रहना, उसके अलावा बिना जनाधार के लोगों को जिमेदारी देना हार का कारण बना। जिला पंचायत सदस्य एवं भाजपा प्रत्याशी डॉ मोहन बिष्ट का लोगों के दिलों में बसना उनकी जीत का मुख्य कारण है ऐसे में सबक लेने वाली बात यह है कि चुनाव धनबल से नहीं बल्कि लोगों को प्यार उनके दिलों में बसने से जीत मिलती है

पूर्व सीएम हरीश रावत को चुनाव लड़ा रहे कांग्रेसी नेताओं का चुनाव प्रचार लगता है कोई रंग नहीं ला पाया। सभी क्षेत्रों से डॉ मोहन बिष्ट को भारी समर्थन प्राप्त हुआ। लालकुआं और बिंदुखत्ता के बाद अब गौलापार क्षेत्र में भी हरीश रावत बहुत ही कम वोट ला सके। गौलापार क्षेत्र में भी कांग्रेस के प्रत्याशी हरीश रावत तेजी से पिछड़ते चले गए। गौलापार क्षेत्र में भी मोहन बिष्ट को अपेक्षा से काफीअधिक वोट मिले।

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