जीबी पंत पर्यावरण संस्थान एवं नाबार्ड का तीन दिवसीय प्रशिक्षण का समापन-

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शिवेंद्र गोस्वामी

अल्मोड़ा 10 जुलाई। गोविंद बल्लभ पंत पर्यावरण संस्थान एवं नाबार्ड द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालई पर्यावरण संस्थान के ग्रामीण तकनीकी परिसर आरटीसी मैं तीन दिवसीय एनजीओ प्रशिक्षण व जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड द्वारा प्रायोजित किया गया।

प्रशिक्षण शिविर के संयोजक ग्रामीण तकनीकी परिसर प्रभारी डॉक्टर यतींद्र कुमार राय ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए प्रशिक्षण विषय की संपूर्ण रूपरेखा से अवगत कराया एवं तीन दिवसीय प्रशिक्षण का सफल संचालन किया इस प्रशिक्षण में उत्तराखंड राज्य के सभी 13 जिलों में नाबार्ड के अधीनस्थ कार्यरत स्वयं सेवी संस्थाओं के 30 प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संस्थान द्वारा विकसित की गई विभिन्न तकनीकों को राज्य के प्रत्येक जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाना था प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक जल एवं भूमि प्रबंधन केंद्र के प्रमुख एवं राष्ट्रीय हिमालई अध्ययन मिशन के नोडल अधिकारी इंजीनियर किरीट कुमार ने किया।

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उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए संस्थान के क्रियाकलापों के बारे में विस्तृत जानकारी दी प्रशिक्षण के द्वितीय सत्र में संस्थान के वैज्ञानिक डॉ वसुधा अग्निहोत्री ने जल की उपलब्धता एवं उसके मानवीय जीवन के महत्व के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी तत्पश्चात महिला वैज्ञानिक डॉ दीपा बिष्ट ने पर्वतीय क्षेत्रों में समेकित मत्स्य पालन विधि एक सफल उद्यम को व्यवहारिक रूप में प्रस्तुत किया प्रशिक्षण के दूसरे दिन संस्थान के जलवायु परिवर्तन केंद्र के प्रमुख डॉ जे सी कुनियाल जलवायु परिवर्तन परिदृश्य एवं मानवीय जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव का बहुत ही विस्तृत वर्णन प्रतिभागियों को दिया इस अवसर पर सामाजिक आर्थिक केंद्र की वैज्ञानिक डॉक्टर से जा पुणे पर्वती क्षेत्रों में संरक्षित खेती एवं जैविक खेती पद्धति एवं डॉ हर्षित पंत जुगरा ने तिरोल से जैविक इंधन तैयार करने की विधि के में विस्तृत जानकारी प्रदान की प्रशिक्षण के तीसरे दिवस संस्थान के जैव विविधता संरक्षण केंद्र के प्रमुख डॉक्टर आईडी भट्ट ने जैव विविधता का आजीविका वृद्धि के महत्व के बारे में वैज्ञानिक जानकारी दी।

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भविष्य में संभावनाओं के बारे में भी बताया प्रशिक्षण के दौरान स्पर्धा संस्था के निदेशक इंजीनियर दीपचंद्र बिष्ट ने प्रतिभागियों को मधुमक्खी पालन के प्रयोगात्मक जानकारी दी प्रतिभागियों को श्री दरबान सिंह बिष्ट के मार्गदर्शन में आदर्श ग्राम जियोली , सीलिंग क्लस्टर का भ्रमण एवं उन्नति शील किसानों से वार्ता भी कराई गई प्रशिक्षण के समापन सत्र में संस्थान के निदेशक डॉ सुनील नौटियाल ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशिक्षण के दौरान सीखी गई तकनीकों को अपने क्षेत्र में फैलाने पर जोर दिया तथा प्रतिभागियों को संस्थान तथा नाबार्ड के साथ जुड़े रहने का आह्वान किया इस अवसर पर उपस्थित सामाजिक आर्थिक विकास केंद्र के प्रमुख डॉ गिरीश चंद्र सिंह नेगी ने संस्थान द्वारा विभिन्न परियोजनाओं में किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

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इस अवसर पर नाबार्ड के जिला विकास अधिकारी श्री गिरीश चंद्र पंत एवं डॉ विकास कुमार जैन सहायक प्रबंधक क्षेत्रीय कार्यालय एवं श्री एडीडास मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभागियों को संबोधित किया तथा सभी प्रतिभागियों एवं संस्थान का धन्यवाद किया प्रशिक्षण के अंत में प्रशिक्षण शिविर के संयोजक ग्रामीण तकनीक परिसर के प्रभारी डॉ यतींद्र कुमार राय ने संस्थान के निदेशक वैज्ञानिक नाबार्ड के प्रति मंडल एवं सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन दिया तथा अन्त में संस्थान के निदेशक श्री डा0 नौटियाल एवम अन्य अधिकारियों के द्वारा सभी प्रतिभागियों को संयुक्त रुप से प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

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