तेरा अभिमान सब जाता रहेगा, बहुत तू मन में पछताता रहेगा…

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कविता रावल
श्री महाकाली दरबार रामलीला मंचन के दशम दिवस पर हनुमान लंका का दहन कर श्री राम के पास आते हैं और सीता की कुशलता की सूचना देते हैं ।वही लंका में मंदोदरी रावण को सीता को वापस लौटाने को कहती है , तत्पश्चात विभीषण राम को सीता को लौटाने की सलाह देते हैं लेकिन रावण विभीषण को लात मारकर लंका से निकल जाने को कहते हैं तब विभीषण रावण से कहते हैं ” तेरा अभिमान सब जाता रहेगा , बहुत तू मन में पछताता रहेगा ” उक्त दृश्य को देखकर दर्शक भाउक हो जाते हैं ।

तब विभीषण राम की शरण में जाते हैं जिन्हें राम स्वीकार कर लेते हैं , राम की सेना लंका को जाती है लेकिन समुद्र रास्ता नहीं देते हैं तब राम क्रोधित हो जाते हैं , समुद्र प्रकट होते हैं और नल नील से पुल बनाने की सलाह देते हैं तब अंगद को दूत बनाकर रावण के पास भेजा जाता है और अंगद रावण संवाद होता है । अंगद रावण संवाद को दर्शकों ने खूब सराहा । कमेटी के अध्यक्ष हेमराज रावल व जीवन बुंगला बब्लू ने मुख्य अतिथि गणेश बोरा , रणजीत सिंह बोहरा व खड़क सिंह भंडारी को बैज अलंकृत कर सम्मानित किया । अंगद का अभिनय पंकज उप्रेती , समुद्र विनय उप्रेती , रावण आशु उप्रेती , मंदोदरी कमलेश उप्रेती , राम कौशलेश भट्ट , लक्ष्मण ऋषिकेश मेहरा ने किया । अंगद रावण संवाद देखने को दर्शकों की भीड़ मौजूद रही ।

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