आडू की खेती में सौ फीसदी उत्पादन, दो से ढाई लाख रुपए प्रति हेक्टर की कमाई

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लालकुआं से अंजलि पंत की रिपोर्ट

जिले के रामनगर, कोटाबाग आदि मैदानी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर आड़ू का उत्पादन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त पर्वतीय क्षेत्रों में मुक्तेश्वर, रामगढ़ गरमपानी आदि क्षेत्रों में आड़ू का उत्पादन हो रहा है, जबकि अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में भी आड़ू की बागवानी की जा रही है, जिसे उत्तराखंड से देश के विभिन्न भागों में बेचा जा रहा है। पहाड़ से लेकर मैदानी इलाके मैं पैदा होने वाले आडू में फूल अन्य फलों की तरह झड़ते नहीं है अर्थात सौ फ़ीसदी उत्पादन निश्चित है। बलुई दोमट मिट्टी में आसानी से होने वाली फसल से दो से ढाई लाख रुपए प्रति हेक्टर की कमाई की जा सकती है।

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पर्वतीय घाटी क्षेत्र में आसानी से तैयार वाला आडू दो से तीन साल में ही फल देने लगता है। उत्तराखंड के किसानों के लिए मुफीद सौदा साबित हो रहा है। इसकी खेती पर्वतीय घाटी व मैदानी क्षेत्र में बड़े आराम से की जा सकती है। उत्तराखंड के अतिरिक्त पंजाब,जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश आदि में भी इसकी बागवानी की जा रही है। जिसमे किसान कम लागत में बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं।

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