बहन बेटी तरह नम आंखों से विदा हुई मां नंदा – शोभायात्रा के बाद दुगालखोला में किया विसर्जन – अल्मोड़ा में सात दिवसीय नंदा महोत्सव का समापन –

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अल्मोड़ा : 17 सितंबर  पिछले एक सप्ताह से चल रहे नंदा देवी महोत्सव का शुक्रवार को समापन हो गया। अंतिम दिन मां नंदा सुनंदा के डोले के साथ नगर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। श्रद्धालुओं ने नंदा सुनंदा को बहन बेटी की तरह विदा किया और मां के जयकारे के साथ डोले का विसर्जन के लिए दुगालखोला ले जाया गया।                    

नंदा देवी मंदिर में पिछले एक सप्ताह से नंदा महोत्सव की धूम मची हुई है। सातों दिन मंदिर में भव्य पूजा अर्चना कार्यक्रम के साथ ही रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मेले के अंतिम दिन शुक्रवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चंद वंशज कुंवर नरेंद्र सिंह ने मंदिर में परंपरागत तरीके से विशेष पूजा अर्चना की। जिसके बाद अपरान्ह मां नंदा सुनंदा का डोला उठा। नंदा सुनंदा की भव्य शोभायात्रा का। जिसमें हजारों की तादाद में भक्तों का सैलाब उमड़ा। हजारों नयन इस विहंगम नजारे के गवाह बने। महिलाओं ने शहर की मुख्य बाजार में छतों, बालकनी, बरामदों में खड़े होकर मां नंदा के डोले के दर्शन किए और अक्षतकृपुष्प चढ़ाए पिछले कई दिनों से यहां ऐतिहासिक नंदादेवी मेले की धूम मची है। हर दिन पूजा अर्चना एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समा बांधा। इसी क्रम के चलते आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार चंद वंशज कुंवर नरेंद्र सिंह ने मंदिर में परंपरागत तरीके से विशेष पूजा अर्चना की। जिसके बाद अपराह्न मां नंदाकृसुनंदा का डोला उठा। शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालु मां के जयकारे लगाते और भजन गाते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा के आगे छोलिया नर्तक नृत्य करते हुए चल रहे थे।

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पूरे बाजार में हजारों लोगों ने मार्ग में दोनों तरफ खड़े होकर डोले का स्वागत किया। मकानों की छतों और खिड़कियों से भक्तों ने मां के डोले के दर्शन किए और अक्षत पुष्प चढ़ाए नंदादेवी से निकलकर शोभायात्रा लाला बाजार, बंसल गली व शिखर के समीप से माल रोड होते हुए आगे बढ़ी। मां नंदा-सुनंदा को ड्योड़ीपोखर मंदिर के दर्शन कराने बाद लोहे के शेर से मुख्य बाजार होते हुए शोभायात्रा निकली। सड़कों और बाजार मार्ग के दोनों ओर ही नहीं बल्कि छतों, बरामदों व खिड़कियों से हजारों श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा के इस अद्भुत नजारे के दर्शन किए। इस दौरान देव डंगरियों से भक्तों ने आशीर्वाद लिया। शोभायात्रा में महिलाओं की एक टोली परंपरागत परिधान पहने हुए चल रही थी। बाद में नंदा-सुनंदा की मूर्तियों को दुगालखोला स्थित नौले में पूजा अर्चना और धार्मिक विधि विधान के साथ विसर्जित किया गया। शांति व्यवस्था के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। शोभायात्रा निकलने के साथ ही नंदादेवी महोत्सव का समापन हो गया है

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