कुमाऊं में जल जीवन मिशन की 967 पेयजल योजनाएं अधूरी
हल्द्वानी। कुमाऊं आयुक्त/सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत ने बुधवार को कैंप कार्यालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक की। इसमें पता चला कि कुमाऊं के सभी छह जिलों में कुल 3,411 पेयजल योजनाएं हैं जिनमें 967 योजनाएं अभी अधूरी हैं और इन पर काम चल रहा है। इस पर आयुक्त ने सभी जिलाधिकारियों व संबंधित अधिकारियों को जल जीवन मिशन की योजनाओं की नियमित मॉनीटरिंग करने तथा काम में लापरवाही करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
आयुक्त रावत ने कहा कि जल जीवन मिशन कुमाऊं के दूरस्थ व दुर्गम गांवों में घर-घर तक पेयजल पहुंचाने के लिए लिहाज से महत्वपूर्ण योजना है इसमें लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस अवसर जल संस्थान के महाप्रबंधक डीके सिंह ने बताया कि कुमाऊं मंडल में 3,411 पेयजल योजनाएं हैं इनमें 2444 पूरी और 967 पर काम चल रहा है जो अभी पूरी नहीं हुई है। ये सभी योजनाएं फेज टू की है। इनमें अल्मोड़ा में 889 में से 281, बागेश्वर में 422 में से 83, चम्पावत में 469 में 113, नैनीताल में 519 में 232, पिथौरागढ़ में 779 में 122 और ऊधम सिंह नगर में 333 में 136 पेयजल योजनाएं अधूरी हैं।
इस पर आयुक्त रावत ने कहा कि जो भी योजनाएं पूरी हो गई हैं या पूरी होने वाली हैं उनका थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन कराया जाए। वहीं, जो योजनाएं एस्टीमेट रिवाइज, मल्टी स्टेज पंपिंग स्कीम या अन्य वजहों से लंबित हैं उन्हें अगले वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाएगा। इन्हें समय से पूरा करने के लिए संशोधित ठोस एक्शन प्लान बनाकर पेश की जाए।
आयुक्त ने कहा कि शिकायतें मिलती हैं कि पेयजल लाइन बिछाने के लिए गड्ढे खोदे जाते हैं लेकिन भरान नहीं किया जात है इसलिए काम पूरा होने के बाद गड्ढे भरे जाए। साथ ही यह एसई और ईई की जिम्मेदारी है कि चेक करें कि पाइप मानकों के अनुसार गहराई में दबाया जाए, अक्सर पाइप बाहर रहने से सरकारी धन तो बर्बाद होता है जनता को भी परेशान होती है इसलिए काम की गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं होना चाहिए। इसके लिए सभी एसई, ईई नियमित मॉनीटरिंग करें। यदि किसी ने भी गलत रिपोर्ट दी तो संबंधित ईई या जो भी अफसर होगा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा जो योजनाएं दिसंबर तक पूरी होनी हैं उसकी प्रगति जांची जाए। उनकी वर्तमान स्थिति देखी जाए, यदि ठेकेदार निर्धारित माइल स्टोन पूरा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
आयुक्त ने कहा कि जल संस्थान और यूपीसीएल में समन्वय की कमी से कुछ योजनाएं पूरी नहीं हो पा रही थीं, अब समस्या खत्म हो गई है। सभी सरकारी अधिकारियों को समन्वय स्थापित कर योजनाओं को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में रानीखेत में 13 करोड़ की एक योजना में 35 प्रतिशत काम हो गया है लेकिन जरूरी श्रमिकों के सापेक्ष 25 श्रमिक काम कर रहे हैं इस पर आयुक्त ने श्रम बढ़ाने को कहा। इसके अलावा ऊधम सिंह नगर के सीडीओ को निर्देश दिए कि 15 योजनाओं में पंप हाउस बन गए हैं लेकिन पंप नहीं लग पाए हैं इसलिए वे चेक करें कि पंप स्थापना में कितना समय लगेगा, इसको लेकर रिपोर्ट दें। अल्मोड़ा की भिकियासैंण में चार योजना में बिजली कनेक्शन नहीं मिलने से योजना लंबित थी, इस पर अल्मोड़ा डीएम आलोक पांडेय ने बताया कि विवाद का निबटारा कर दिया है चार दिन में बिजली कनेक्शन दे दिया जाएगा।
इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नैनीताल डीएम वंदना सिंह, चंपावत नवनीत पांडेय, बागेश्वर डीएम आशीष भटगई जुड़े , जबकि एसई वीके जैन, ईई आरएस लोशाली, बिजली एसई नवीन मिश्रा, संयुक्त निदेशक राजेंद्र तिवारी आदि मौजूद रहे।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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