कला आराधना का एक स्वरूप, ईश्वर और प्रकृति से जोड़ती है कला : निशी मिश्रा
हल्द्वानी।
कला आराधना का एक स्वरूप है यह हमें ईश्वर और प्रकृति से जोड़ती है। यह बात सुप्रसिद्ध चित्रकार एवं बिरला स्कूल की चित्रकला विभाग की प्रमुख निशी मिश्रा ने छङैल नयावाद में दॄश्यकला संस्थान के उद्घाटन समारोह के अवसर पर कही।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से दॄश्यकला में परास्नातक कर चुके प्रतिभावान युवा चित्रकार आशीष वर्मा तथा सुरभि भट्ट के प्रयासों से दृश्य कला के क्षेत्र में हल्द्वानी की उभरती प्रतिभाओं को प्रशिक्षण एवं प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से यहाँ गैस गोदाम रोड पर दॄश्यकला संस्थान की स्थापना की गई है, जिसमें चित्रकला के क्षेत्र में कैरियर बनाने की इच्छा रखने वाले छात्र-छात्राओं एवं कलाकारों को विधिवत प्रशिक्षण एवं प्रोत्साहन दिया जायेगा।
संस्थान के संचालकों ने बताया कि उन्होंने जब कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से परास्नातक की उपाधि प्राप्त की तो उनके समक्ष महानगरों में रोजागार के विकल्प थे परन्तु उन्होंने अपनी जन्मभूमि उत्तराखंड में रहकर कला क्षेत्र से जुड़ी प्रतिभाओं को तरासने का निर्णय लिया है, इसी उद्देश्य से उन्होंने अपने सीमित संसाधनों से इस संस्थान की स्थापना की है। आशीष एवं सुरभि उच्च शिक्षित होने के साथ ही बेहतरीन चित्रकार भी हैं इनकी अनेक चित्रकला प्रदर्शनियाॅ देश के विभिन्न आर्ट गैलरी में लग चुकी है पढाई के दौरान भी इनकी कला कृतियों को कुलपति पुरुस्कार मिल चुका है।
संचालकों ने बताया कि उनके संस्थान में सभी वर्ग के छात्र-छात्राओं एवं चित्रकारों को दृश्य कला की प्रमुख विधाओं के समुचित प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है तथा उभरते कलाकारों की कलाकृतियों को उचित प्लेटफार्म भी उपलब्ध कराया जायेगा, तथा देश दुनिया को उत्तराखंड के चित्रकारों की कला से रूबरू कराया जा सकेगा। आज के उद्घाटन समारोह में भारी संख्या में चित्रकला प्रेमी सहित भुवन चंद्र वर्मा, परमेश्वरी वर्मा, रौनक गुप्ता, आभा वर्मा, नवीन चन्द्र भट्ट, चन्द्रा भट्ट आदि उपस्थित रहे ।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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