बीएड प्रशिक्षुओं ने खाद्य पदार्थों के प्रति चलाया जन जागरूकता अभियान-
शिवेंद्र गोस्वामी
अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय की ओर से गोद लिए गए खत्याड़ी गांव की महिलाओं को भोजन के प्रति जागरूक करने को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमंे कामकाजी महिलाओं को खाद्य सुरक्षा कानून, पोषक तत्वों के उपयोग और समारोहों में होने वाले भोजन की बर्बादी को रोकने के उपायों पर विस्तृत परिचर्चा की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो भीमा मनराल ने कहा कि आज कामकाजी महिलाआंे के सामने सबसे बड़ी चुनौती खाद्य संबंधित सही जानकारी हासिल करना है। इसके लिए हमें सबसे पहले खाद्य सुरक्षा कानूनों के बारे मंे जानना होगा। साथ ही आम लोगांे को भी उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की फास्ट लाईफ में पोषक तत्वों की सही जानकारी रखना भी बेहद जरूरी है। जंग फूड ने पहले ही लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर छोड़ा है। इसलिए संतुलित आहार के बारे में हरेक व्यक्ति का सही और सटीक जानकारी होनी चाहिए।
इस मौके पर बीएड प्रशिक्षुओं ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत करके विभिन्न समारोहों में होने वाले भोजन की बर्बादी को रोकने के उपायों के बारे में जानकारी दी। साथ ही शिक्षण अधिगम सामग्री जैस मॉडल, चार्ट के माध्यम से पोषक तत्वों क फायदों, भोजन की बर्बादी को रोकने और सरकार की ओर से खाद्य सुरक्षा को लेकर दिए गए अधिकारों के बारे में जानकारी भी दी। यह कार्यक्रम सहायक प्राध्यापक डॉ नीलम कुमार के निर्देशन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर संविदा प्राध्यापक ललिता रावत, ग्राम प्रधान राधा देवी समेत दर्जनों महिलाएं आर बीएड प्रशिक्षु मौजूद रहे।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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