हल्द्वानी नगर निगम में बड़ा बदलाव, ओबीसी से अनारक्षित हुई सीट
प्रदेश में नगर निकायों के आरक्षण में अहम बदलाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। शासन ने आपत्तियों की सुनवाई के बाद नियमों के तहत प्रदेश के नगर निकायों में आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी कर दी है। इस बदलाव के तहत हल्द्वानी नगर निगम की सीट ओबीसी से बदलकर अब अनारक्षित कर दी गई है, जिससे ओबीसी नेताओं को बड़ा झटका लगा है। इसके साथ ही, 11 नगर निगमों के नगर प्रमुख, 43 नगर पालिकाओं के अध्यक्ष, और 46 नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण की अंतिम सूची जारी की गई है।
आरक्षण की अनंतिम सूची पर मिली आपत्तियों के बाद नियमों के तहत आंशिक परिवर्तन किया गया है। अब नगर निगम चुनाव और भी दिलचस्प होने की संभावना है, क्योंकि इन बदलावों से चुनावी स्थिति में नए समीकरण बन सकते हैं।उत्तराखण्ड राज्य में नगर निगमों,पालिका और पंचायतों के नगर प्रमुख पदों का आरक्षण एवं आवंटन अब औपचारिक रूप से तय हो गया है। राज्यपाल के निर्देशानुसार, 2024 में होने वाले नगर निगम सामान्य निर्वाचन के लिए आरक्षण के नए प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की गई है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 (T) के तहत नगर पालिकाओं में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं के लिए स्थानों का आरक्षण अनिवार्य है। इसके अलावा, नगर पालिकाओं में अध्यक्षों के पदों का आरक्षण भी किया जाता है। इस अधिसूचना में, अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए निर्धारित आरक्षण का अनुपात उनके क्षेत्र की कुल जनसंख्या के अनुपात में रखा गया है, जबकि महिलाओं के लिए कम से कम एक तिहाई स्थान आरक्षित किए गए हैं।
महत्वपूर्ण निर्णय:
अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए आरक्षित स्थानों का एक तिहाई हिस्सा महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा। नगर प्रमुख पदों के आरक्षण के लिए पहले प्रकाशित प्रारूप में सुझावों और आपत्तियों का निस्तारण कर नया आदेश जारी किया गया है। एकल सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट और उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए यह आरक्षण तय किया गया है।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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