ग्राफिक एरा हिल विश्वविद्यालय भीमताल में कैरियर गाइडेंस सेमिनार व तकनीकी एवं रक्षा प्रौद्यौगिकी व्याख्यान माला का समापन
ग्राफिक एरा हिल विश्वविद्यालय भीमताल परिसर द्वारा तकनीकी एवं रक्षा प्रौद्यौगिकी विषय पर दो दिवसीय व्याख्यान माला के दूसरे दिन आयोजित कैरियर गाइडेंस सेमिनार के अन्तर्गत परिसर निदेशक कर्नल अनिल कुमार नायर ने विभिन्न विद्यालयों (भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय नैनीताल, जी बी पंत इन्टर कॉलेज भवाली, राजकीय बालिका इंटर कालेज भीमताल, लेक्स इंटरनेशनल स्कूल भीमताल तथा मल्लिकार्जुन विद्यालय नौकुचियाताल) के कक्षा 12 वीं के छात्र छात्राओं को संबोधित कर उन्हे स्वयं के भविष्य के प्रति सजग रहने के साथ साथ उच्च शिक्षा की संभावनाओं के विषय में प्रेरित किया। उन्होंने छात्र छात्राओं को उन्नत अकादमिक संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के बारे में बताते हुए उनमें प्रवेश प्रक्रियाओं के बारे में बताने के साथ साथ भविष्य में विज्ञान रक्षा एवं प्रोद्योगिकी की विभिन्न विधाओं में कार्य करने हेतु प्रेरित किया।
ग्राफिक एरा डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर जोशी ने एरो स्पेस इंजीनियरिंग तथा एविएशन विज्ञान में भविष्य की संभावनाओं से छात्र छात्राओं को अवगत करवाया। समन्वयक डॉ. दीपेन्द्र सिंह रावत, सहायक प्राध्यापक, भौतिक विज्ञान ने मुख्य अतिथि डॉ. एस. के. मिश्रा, प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं डी.आर.डी.ओ. (रक्षा मंत्रालय भारत सरकार) के ब्रह्मोस मिसाइल कार्यक्रम के पूर्व महानिदेशक एवं उनकी उपलब्धियों का परिचय स्कूली छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों से करवाया। अपने व्याख्यान के दौरान डॉ. एस.के. मिश्रा ने भारतीय मिशाइल कार्यक्रम के ऐतिहासिक पहलुओं को उजागर करते हुए अग्नि, पृथ्वी एवं ब्रह्मोस मिसाइल परीक्षण कार्यक्रम के वैज्ञानिक पहलुओं (डिजाइनिंग एवं प्रेक्षण) पर प्रकाश डाला एवं विभिन्न भारतीय मिशाइल परीक्षण कार्यक्रम का चल चित्र द्वारा प्रदर्शन किया।
उन्होंने मिशाइल परीक्षण कार्यक्रम के दौरान डॉ. मिश्रा ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के साथ ब्रह्मोस मिसाइल कार्यक्रम के दौरान किए गए कार्यों के दौरान के अनुभव श्रोताओं से साझा किए। उन्होंने बताया कि रॉकेट का पूरे विश्व में सर्वप्रथम विकास भारत में टीपू सुल्तान द्वारा किया गया, जिसे बाद में ब्रिटिश वैज्ञानिक विलियम कांग्रीव ने ब्रिटेन ले जाकर आगे की तकनीकी का विकास किया जो आधुनिक मिशाइल प्रौद्यौगिकी का आधार है। इसके अतिरिक्त उन्होंने छात्र छात्राओं को रक्षा एवं प्रौद्यौगिकी के विभिन्न क्षेत्रों रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, थ्री डी प्रिंटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, क्लाउड तकनीकी, ऊर्जा संचयन, टेस्ला कार, उन्नत धातुओं आदि में भविष्य की संभावनाओं से अवगत करवाया। प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान उन्होंने श्रोताओं के विभिन्न प्रश्नों का जवाब दिया। समापन समारोह में समन्वयक डॉ. डी.एस. रावत, सहायक प्राध्यापक भौतिक विज्ञान ने डॉ. एस.के. मिश्रा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उक्त व्याख्यान हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर परिसर निदेशक कर्नल अनिल कुमार नायर, एरो स्पेस इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुधीर जोशी, समन्वयक डॉ. डी.एस. रावत, विभागाध्यक्ष एलाइड साइंसेस डॉ मेहुल मानू, गोविन्द सिंह जेठी, तमन्ना गंगोला समेत सभी विभागाध्यक्ष, विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक (दिनेश राठौर, अरुण जोशी, रेणु बिष्ट, मुक्ता चौधरी आदि) एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। व्याख्यान का संचालन बी.टेक. द्वितीय सेमेस्टर की छात्राओं लता पांडे एवं पावनी साह ने किया एवं दर्शन नेगी, रवि, आदि ने स्वयं सेवी के रूप में उपस्थित रहे।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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