निजी अस्पताल के संचालक डॉ. शर्मा के खिलाफ यौन शोषण का मुकदमा दर्ज
हल्द्वानी। शहर के मुखानी स्थित एक निजी अस्पताल के संचालक डॉ. महेश शर्मा के खिलाफ यौन शोषण का मुकदमा दर्ज हो गया है। इससे पहले भी तमाम विवादों के घेरे में रहे डां महेश शर्मा पर पिछले माह जून से लगातार यौन शोषण का मामला सोशल मीडिया तथा चर्चित हुआ था, लेकिन मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे डां महेश शर्मा असफल हो गये।
शुक्रवार को यौन शोषण का मामला थाने तक पहुंच ही गया। बताया जा रहा है कि पीड़ित पैथोलॉजी लैब संचालिका ने डां. महेश शर्मा पर छेड़छाड़, अश्लील हरकत करने और धमकाने का आरोप लगाते हुए मुखानी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। मामला विगत माह 6 से 22 जून के बीच का बताया गया है। तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने देर रात डा. शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस के अनुसार, पीड़ित महिला ने तहरीर देकर बताया कि वह पैथोलॉजी लैब का संचालन करती है। सामान्य तौर पर वह ब्लड सैंपल लेने जाती थी। इसी बीच डॉ. महेश शर्मा ने उससे बातचीत शुरू की और लैब संचालन में उसकी मदद करने का आश्वासन दिया। पुलिस के मुताबिक महिला ने आरोप लगाया कि 22 जून को वह सैंपल जांच का बकाया भुगतान लेने के लिए डॉ. महेश शर्मा के अस्पताल पहुंची तो महेश शर्मा ने पीड़िता से जबरदस्ती करने का प्रयास किया। विरोध करने पर महेश शर्मा ने भुगतान नहीं करने और लैब के प्रति दुष्प्रचार करने व जान से मारने की धमकी दे डाली।
शिकायतकर्ता पीड़िता ने शर्मा पर छेड़छाड़ और जबरदस्ती करने का आरोप लगाया है। पीड़िता भी मेडिकल के क्षेत्र से ही है इस वजह से डॉक्टर के नर्सिंग होम में उनका आना जाना पेशेवश लगा रहता था। यहाँ काम के बहाने शर्मा उन्हें अपने चैंबर में बुलाया करते और काम में फायदा देने के ढेरों विकलो देकर बहलाया करते थे। यहां अक्सर डॉक्टर शर्मा अपनी पत्नी से न बनने और घरेलू कलह का हवाला दे कर भावनात्मक कार्ड भी खेला करते थे। असल कार्ड था अपने गृह जनपद की होने का हवाला देना, तांकि शिकार पर कसा शिकंजा किसी भी तरह छूटे न पाए।
बताया जा रहा है कि जब एक रात डॉक्टर करीब 10 बजे पीड़िता के घर में घुस गए, उस समय वे शराब के नशे में धुत्त थे। पीड़िता भी किराए के मकान में रहा करती है तो उन्होंने बिना कलह किए शर्मा को वापस जाने के लिए कहा। रंगीले डॉक्टर नहीं माने, तो पीड़िता उनका विडियो रिकॉर्ड करने लगी। तब शर्मा ने उनका फ़ोन छीनने की कोशिश की और उस रात किसी तरह वे पीड़िता के घर से लड़खड़ाते हुए वापस चले गए। बताया गया की इस घटना के कुछ समय बाद पीड़िता अपना बकाया मांगने विवेकानंद अस्पताल पहुँची तो डॉ शर्मा ने उन्हें अपने चैंबर में इंतजार करने को कहा, जाहिर सी बात है कि कोई व्यस्त सर्जन जो कामदेव के अवतार में दुनियां को नसीब हुआ हो, वो अपना समय दे यही बड़ी बात हुई । हालांकि कुछ समय बाद डॉक्टर शर्मा अपने चैंबर में आए और पीड़िता का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचने लगे। इतना ही नहीं उन्होंने उसे जबरदस्ती चूमने और कपड़े उतारने की भी कोशिश भी की, जब पीड़िता ने विरोध किया तो डॉक्टर महेश शर्मा ने उनका बकाया न देने और काम-धंधा बंद करवाने की धमकी दे डाली।
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि वे पीड़िता को बदनाम कर उसका बिजनेस चौपट करवा देंगे। घटना के बाद पीड़िता डरी-सहमी रहने लगी। वह जानती थी कि शर्मा इतने रसूख वाले तो हैं ही कि उसका कामकाज चौपट करने से लेकर हत्या तक करा सकते हैं। इसी भय से पीड़िता एक पखवाड़े तक रपट दर्ज कराने का साहस नहीं जुटा सकी। आखिरकार शुक्रवार को उसने हिम्मत कर महेश शर्मा के खिलाफ़ हल्द्वानी कोतवाली में तहरीर सौंप दी। पीड़िता चाहती है कि महेश शर्मा के खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई हो और वो भयमुक्त जीवन बिता सके ।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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